बीजेपी की बैठक से चार बड़ेे नेता गैरहाजिर, सीएम चेहरे पर सामने आया सस्पेंस भरा ‘नाम’
झांसी। बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिण्ाी की बैठक में उत्तरप्रदेश के चार बड़ेे नेता शामिल नहीं हुए हैं।
इनमें केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, मेनका गांधी, गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ व सुलतानपुर सांसद वरुण गांधी शामिल हैं।
उमा भारती झांसी से सांसद हैं। पार्टी की परम्परा के मुताबिक स्थानीय सांसद कार्यसमिति की बैठक की मेजबानी करता है।
इसके बावजूद उनकी गैरमौजूदगी कार्यकर्ताओं को खटक रही है। बताया जा रहा है कि उमा नाराज हैं।
खबरों के मुताबिक उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी के उदघाटन से दूर रखा गया। यह उपेक्षा ही उनकी नाराजगी की वजह है।
प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह से उमा की गैरमौजूदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।
मेनका गांधी भी गैरहाजिर
झांसी में चल रही इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी भी शामिल नहीं हुईं।
यह हाल तब है, जब मेनका को इस बार प्रदेश कार्यसमिति में आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगह दी गयी थी।
मेनका के पुत्र वरुण को यूपी बीजेपी का सीएम उम्मीदवार बनाने के कयास लगाए जा रहे थे।
हालांकि मेनका अपने पुत्र के लिए जो आेहदा चाह रही थीं, वह भी नहीं मिला।
मेनका के पुत्र वरुण गांधी को प्रदेश कार्यसमिति में जगह मिलने की उम्मीद जतायी जा रही थी।
लेकिन जब यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव मौर्य ने कार्यसमिति घोषित की, तो वरुण का नाम इसमें शामिल नहीं था।
माना जा रहा है कि बेटे की उपेक्षा से नाराज होकर ही मेनका कार्यकारिणी बैठक में नहीं गईं। वरुण भी इसी वजह से नहीं आए।
बीजेपी यूपी अध्यक्ष केशव मौर्य का नया बयान
इस बीच बीजेपी यूपी अध्यक्ष केशव मौर्य ने कहा है कि यूपी का कार्यकर्ता ही भाजपा का मुख्यमंत्री चेहरा होगा।
ऐसे में भाजपा के सीएम चेहरे के सबसे प्रबल उम्मीदवार यानी योगी आदित्यनाथ की गैरमौजूदगी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
गोरखपुर-बस्ती मण्डल में जनता याेगी आदित्यनाथ को जमीन से जुड़ा नेता मानती है।
उनकी हिन्दूवादी छवि के कारण यूपी बीजेपी का सीएम चेहरा बनाने की पुरजोर कोशिशें चल रही हैं।
हालांकि 22 जुलाई को गोरखपुर दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि संत अपना काम करते रहें।
इस बयान का निहितार्थ यह निकाला गया कि पीएम मोदी भी योगी को यूपी बीजेपी का सीएम चेहरा नहीं बनाना चाहते हैं।