
नई दिल्ली। बिहार गठबंधन की सरकार पर लगा गृहण बस कुछ पलों का ही साबित हो रहा है। राजद और जदयू के बीच भले ही बातों की जंग का सिलसिला जारी है। लेकिन कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया ने टूटते गठबंधन को बचाने का सारा दारोमदार अपने कांधों पर ले लिया है। उन्होंने दोनों ही पक्षों को साफ़ किया कि किसी भी कीमत पर गठबंधन टूटना नहीं चाहिए। इस मामले में सोनिया ने लालू और नितीश से भी बात की। सोनिया के उठाये इस कदम ने यह साफ़ किया कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को इस्तीफा देना ही पड़ेगा।
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बता दें लालू यादव चारा घोटाले के एक मामले में पेशी के लिए रांची गए हुए हैं। शनिवार (15 जुलाई) शाम तक वो वापस पटना आएंगे। माना जा रहा है कि लालू यादव के पटना वापस आते ही राजनीतिक स्थिति साफ हो जाएगी।
ख़बरों के मुताबिक़ माना जा रहा है कि लालू यादव के पटना वापस आते ही तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे।
इसी बीच यह भी खबर है कि तेजस्वी की जगह सरकार में किसी की नियुक्ति नहीं होगी। सरकार में तेजस्वी का पद खाली रखा जाएगा।
वहीं बिहार में राजद और जदयू के प्रवक्ताओं की जुबानी जंग जारी है। गुरुवार को राजद विधायक भाई वीरेंद्र के बयान पर पलटवार के लिए जेडीयू तैयार है।
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आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी के पास 80 विधायक हैं और पार्टी जो चाहेगी वही होगा। उ
न्होंने कहा, “हमारे पास 80 विधायक हैं और हम जो चाहेंगे, वही होगा। किसी के कह देने भर से तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे।”
बेनामी संपत्ति मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे और राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का नाम सामने आने के बाद बिहार में सियासी जंग जारी है।
इस मामले में विपक्ष की एकजुटता ही मुख्य हथियार नज़र आ रहा है, जो सियासत के दांव में उन्हें खड़ा रहने का दम देगा।
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