सूखी जमीन के लिए लड़कियां उतार रहीं कपड़े, घर ही नहीं पूरा गांव करता है सपोर्ट

बारिश के टोटकेनई दिल्ली: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां के खेतों की हरियाली ही यहां के संवृद्धि की निशानी है. पर आज आधुनिकता के चलते हमारे पर्यावरण का संतुलन धीरे-धीरे बिगड़ता जा रहा है. इस असंतुलन की वजह से ही आज बड़ी ही तेज़ी के साथ हमारा वातावरण भी बदलता जा रहा है. मौसम कब अपना रुख बदल लेता है पता भी नहीं चलता. वैसे आम लोगों को भले ही मौसम के इस अदला-बदली से खासा दिक्कत न हो पर आज इस मुसीबत से हमारे अन्नदाता बेशक बहुत परेशान हैं. इसलिए वो तमाम तरह के बारिश के टोटके आजमाते रहते हैं.

अच्छी फसल के लिए किसानों को उनकी खेती के हिसाब से अनुकूल वातावरण चाहिए होता है, पर पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह सुखा बना हुआ है, ये किसानों के साथ हम सबके लिए बेहद गंभीर विषय बन गया है. लेकिन इस सूखे से निपटने के लिए पूर्वी भारत के कुछ किसानों ने जो टोटका अपनाया है वो बेहद गंभीर और शर्मनाक है.

बारिश के टोटके के लिए लड़कियां उतार रहीं कपड़े

एक खबर के मुताबिक़ पूर्वी भारत के कुछ किसानों ने सूखे की समस्या से निपटने के लिए अपनी कुंवारी लड़कियों से खेतों में बिना कपड़ों के हाल चलवा रहे हैं. उनका मानना है कि उनके ऐसा करने से भगवान इंद्र शर्मिन्दा होंगे औए वो मानसून में अच्छी बारिश करेंगे.

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो बिहार के खेतों में सूर्यास्त होने के बाद देवताओं का आह्वाहन करने के लिए लड़कियों ने अपने सारे कपड़े उतारकर खेतों की जोताई की. इस दौरान वे तमाम प्राचीन मन्त्रों का भी जाप किया. ग्राम पंचायत अधिकारी उपेंद्र कुमार ने बताया कि ग्रामीणों का मानना है कि उनके ऐसा करने से बारिश देवता बुरी तरह शर्मिंदा होंगे, और अच्छी बारिश करेंगे.

आपको बता दें कि ग्रामीणों ने प्रण लिया है कि जब तक उनके इलाके में अच्छी बारिश नहीं होगी वो इस प्रथा को आगे बढ़ाते रहेंगे.

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