बाबरी विध्वंस मामले में फैसला आज, जानिए आरोपियों पर क्या क्या हैं आरोप

सन् 1992 में 6 दिसंबर को अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद यानि आज(30 सितंबर 2020) फैसला सुनाया जाएगा। इस कड़ी में विशेष अदालत के सामने सीबीआई ने अपनी संयुक्त चार्जशीट शीट में आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप लगाए हैं। जिनमें रामचंद्र खत्री, संतोष दुबे ,अमरनाथ गोयल, सुधीर कक्कर जय भान सिंह पवैया, प्रकाश शर्मा ,विनय कुमार राय ,धर्मेंद्र सिंह गुर्जर ,पूर्व विधायक लल्लू सिंह ,रामजी गुप्ता ,कमलेश त्रिपाठी, गांधी यादव, हरगोविंद सिंह, विजय बहादुर सिंह ,नवीन भाई शुक्ला, रमेश प्रताप सिंह और आचार्य धर्मेंद्र देव के खिलाफ आरोपपत्र में धारा 147 ,149, 332 ,338, 395 ,153 ए, 153 बी 295, 295 ए, 505 201 एवं 120 बी भारतीय दंड संहिता का आरोप है।


जबकि पूर्व सांसद पवन कुमार पांडे और बृजभूषण शरण सिंह के साथ-साथ जय भगवान गोयल और ओम प्रकाश पांडे के विरुद्ध धारा 147, 149 ,332, 338 ,153 ए, 153 बी, 201, 295 ,295 ए, 505एवं 120 बी भारतीय दंड संहिता का आरोप लगाया गया है। इन सभी आरोपियों पर विधि विरुद्ध जमावड़ा, भीड़ का हुजूम इकट्ठा करना, धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना, दो समुदायों के बीच धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना ,सरकारी काम में बाधा एवं ईट पत्थर फेंक कर हमला करना, दो वर्गों में शत्रुता पैदा करना, राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला भाषण देना, सबूत मिटाना ,झूठा बयान देकर अफवाह फैलाना अथवा अपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है।
अदालत में दाखिल आरोपपत्र में महाराज स्वामी साक्षी के विरुद्ध भी समान आरोप लगाए गए हैं ।लेकिन सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार साध्वी ऋतंभरा, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उमा भारती के विरुद्ध धारा 120 बी सपठित धारा 147, 149 ,153 ,153 ए, एवं 153 बी भारतीय दंड संहिता( विधि विरुद्ध जमावड़ा, भीड़ इकट्ठा करना , दो वर्गों में शत्रुता पैदा करना एवं राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला भाषण देने का षड्यंत्र रचने का आरोप है)।

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अन्य आरोपियों में सतीश प्रधान, डॉ राम विलास वेदांती ,चंपत राय बंसल ,महंत नृत्य गोपाल दास और धर्मदास के विरुद्ध भी धारा 147, 149, 153 ए, 153 बी, 295, 295 ए एवं 120 बी भारतीय दंड संहिता( विधि विरुद्ध जमावड़ा, भीड़ एकत्रित करना, धार्मिक स्थल को क्षति पहुंचाना, वर्ग विशेष के बीच धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, दो वर्गों में शत्रुता पैदा करना और राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला भाषण देने का षड्यंत्र रखने का आरोप है।


जबकि घटना के समय जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात रवींद्र नाथ श्रीवास्तव के विरुद्ध धारा 153 ए ,295 295 ए, 201, 505, 114 एवं 120 बी भारतीय दंड( संहिता दो वर्गों में शत्रुता पैदा करना ,धार्मिक स्थल को नष्ट करना, वर्ग विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना ,झूठा बयान देकर अफवाह फैलाना, किसी अपराध का दुष्प्रेरण किए जाने के समय वहां पर उपस्थित रहने के अलावा अपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप है । पूर्व जिला मजिस्ट्रेट आर एन श्रीवास्तव मौजूदा समय में 80 वर्ष से अधिक आयु के हो चुके हैं। विशेष अदालत इन सभी आरोपियों पर आज अपना फैसला सुनाएगी। जिनमें से अगर कोई वृद्ध आरोपित न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो पाएगा तब वह अपने मुकदमे के फैसले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए सुन सकेगा।

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