बाढ़ से बेहाल हुआ बिहार, पटना के कई इलाके हुए जलमग्‍न

बाढ़ पटना ।  बिहार में गंगा नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। गंगा का पानी राजधानी पटना के कुछ हिस्सों में भी प्रवेश कर गया है। केंद्रीय जल आयोग ने गंगा के मैदानी भाग में स्थित जिलों को चेतावनी जारी कर कहा है कि अगले पांच दिनों में जलस्तर में वृद्धि हो सकती है। राज्य की कई प्रमुख नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने आपात बैठक कर हालात की समीक्षा की। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बयान के अनुसार, गंगा के बढ़ते जलस्तर से गंगा किनारे अवस्थित सभी जिले कमोबेश प्रभावित हुए हैं, सबसे ज्यादा प्रभाव पटना एवं वैशाली के दियारा क्षेत्र पर पड़ा है। इसके अलावा भोजपुर, बेगूसराय, मुंगेर एवं भागलपुर के दियारा क्षेत्र भी प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ के कहर से कराहा बिहार, राहत कार्य जारी

बयान में कहा गया है कि केंद्रीय जल आयोग ने भी अलर्ट करते हुए कहा है कि बिहार में बाढ़ से स्थिति गंभीर है और अगले पांच दिनों तक गंगा का पानी और बढ़ सकती है। बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए वायु सेना और सेना को अलर्ट किया गया है। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की गई। गंगा नदी ने पिछला सारा रिकार्ड तोड़ते हुए राजधानी पटना में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। गंगा का पानी एलसीटी घाट के पास अपार्टमेंट में घुस जाने और जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी की सूचना से पूरे शहर के लोगों में बेचैनी है। राज्य जल संसाधन विभाग ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है, घबराने की कोई बात नहीं है। जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के आग्रह पर फरक्का बैराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं, ताकि बाढ़ का पानी तेजी से निकल जाए।

पटना में गंगा नदी ने इस बार वर्ष 1994 में बढ़े जलस्तर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। प्रशासन द्वारा गंगा के किनारे वाले इलाके में बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा जा रहा है। नदी के किनारे बने घरों में और सड़कों पर गंगा का पानी बह रहा है। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, राज्य में गंगा, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक और सोन नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विनय कुमार ने शनिवार को बताया कि सुबह छह बजे इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी का जलस्तर करीब 9.94 लाख क्यूसेक था। उन्होंने बताया कि गंगा नदी दीघा, गांधीघाट, हथिदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि पुनपुन नदी श्रीपालपुर में, घाघरा नदी गंगापुर सिसवन (सीवान) और बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

गंगा के बेकाबू होने और इससे पहले ही पटना में बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने गंगा में गिरने वाले नालों को बंद करा दिया है। प्रशासन ने लोगों को धैर्य रखने को कहा है। लोगों को सतर्कता बरतने की हिदायत दी जा रही है। राजधानी में गंगा के बढ़ते जलस्तर का निरीक्षण करने के बाद पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि स्थिति को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से चौकस है। हालात के मद्देनजर एनडीआरएफ की पांच टीमें बुलाई गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए समुचित संख्या में नावों का प्रबंध करें तथा राहत शिविर खोलें। जिलाधिकारियों को मोबाइल मेडिकल टीमें तैयार रखने को कहा गया है। विभाग के मुताबिक, पटना में 65 नावों का परिचालन शुरू कर दिया गया है, जबकि भोजपुर में 69 नावें चालाई जा रही हैं।

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