बांदा में गौशाला बनी गायों की कब्रगाह, 16 गायों की मौत के बाद ग्रामीणों ने शुरू किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की अतर्रा नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित कान्हा पशु आश्रय केंद्र (गौशाला) में कथित रूप से भूख और बीमारी से पिछले चार दिनों में 16 गायों की मौत हो चुकी है. सरकारी गौशाला में लगातार हो रही गायों की मौतों से गुस्साए किसानों ने शुक्रवार को तहसील परिसर में धरना दिया और काफी देर तक हंगामा किया. किसानों ने जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें तत्काल हटाने की मांग की. बुंदेलखंड किसान यूनियन (बीकेडी) की अगुआई में करीब 500 किसानों ने अतर्रा तहसील परिसर में पहले उपजिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर काफी देर तक हंगामा किया और फिर वे वहीं धरने पर बैठ गए.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्थानीय नेता राकेश गौतम मेजर ने दावा किया, ‘नगर पालिका परिषद अतर्रा द्वारा बदौसा रोड में संचालित कान्हा पशु आश्रय केंद्र (गौशाला) में करीब 416 आवारा गौवंश संरक्षित हैं. जहां चारा-पानी की कमी के चलते भूख की वजह से पिछले चार दिनों में एक दर्जन से अधिक गायों की मौत हो चुकी है.’ वहीं किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल शर्मा ने आरोप लगाया कि यहां के कान्हा पशु आश्रय केंद्र (सरकारी गौशाला) में भूख से तड़प कर पिछले चार दिनों के भीतर 16 गायों की मौत हो गई है.

किसान नेता शर्मा ने आरोप लगाया, ‘भूसा की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार का भुगतान न किए जाने से उसने भूसे की आपूर्ति बंद कर दी है, जिसकी वजह से भूख से तड़प कर पिछले चार दिनों में 16 गायों की मौत हो गई और एक माह के भीतर इस गौशाला में 50 से अधिक गायों की मौतें हो चुकी है.’ शर्मा ने आगे कहा कि गायों की असामयिक मौत के लिए बांदा के जिलाधिकारी जिम्मेदार हैं, लिहाजा इन्हें तत्काल प्रभाव से हटाकर जांच की जानी चाहिए.

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किसानों ने मृत गायों को बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही दफनाने का भी आरोप लगाया है. गौरतलब है कि सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर गुरुवार को बांदा आए जिले के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने भी गायों की हो रही असामयिक मौतों पर नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि इसकी उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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