बांदा : कमिश्नर कार्यालय में फरियादी ने खाया जहर

बाँदा में सिंचाई विभाग के रिटायर्ड क्लर्क द्वारा मंडलायुक्त कार्यालय में आयुक्त के सामने जहर खाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रिटायर्ड कर्मचारी 3 साल से अपनी पेंशन के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा था ,आज आयुक्त से मिलने के बाद उसने उनके कार्यकाल में ही जहर खा लिया। जिसके बाद कमिश्नर की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां इस समय उसका ईलाज चल रहा है। अचानक हुए घटना क्रम के बाद आयुक्त अब  पूरे मामले की जाँच कर निस्तारण की बात कर रहे हैं। 

मामला  मंडलायुक्त कार्यालय का है जहां आज  सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त  लिपिक राजवीर सिंह मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह से फरियाद करने उनके पास पहुंचा था। उसने आयुक्त को प्रार्थना पत्र दिया जिसमें कहा है कि लंबे समय से अपने पेंशन और फंड का पैसा लेने के लिए चक्कर लगा रहा हूं और उनसे मामले के निस्तारण  कर पेंशन चालू करवाने की विनती की जिस पर आयुक्त ने 1 नवम्बर को उसको कार्यालय आने के लिए कहा जिसके बाद उसने वहीँ पर सल्फॉस कहा लिया औ4 अचेत होकर गिर गया। आयुक्त की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने  आनन फानन उसे गाड़ी में लादकर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहाँ पर  उसका इलाज चल रहा है ।पीड़ित कर्मचारी का कहना है कि वह तीन साल से अपने फंड  और पेंशन के लिए परेशान हैं इसके पहले जो कमिश्नर थे उनसे भी कई बार मिल चुका था लेकिन कुछ नही हुआ घर की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नही है और जब वर्तमान कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह से मिला तो उन्होंने भी संतुष्टि पूर्ण जवाब नही दिया जिसके चलते उसने जहर खा लिया।

वहीं इस मामले में आयुक्त दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि  एक फरियादी राजवीर सिंह ने अपना प्रार्थना पत्र दिया था उन्होंने पीड़ित से कहा कि हर माह की 1 तारीख को पेंशन अदालत लगती है उसमें तुम्हारा भी  प्रकरण देखेंगे 1 लेकिन इसके बाद वह गिर पड़ा जिसे तत्काल अस्पताल भिजवाया गया। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जाँच कराई जाएगी लेकिन शुरुआती जानकारी के मुताबिक राजवीर सिंह को सिंचाई विभाग में मृतक आश्रित पर उसे नौकरी मिली थी उसके बाद मां की देखरेख ना करने पर मां ने हाई कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश किया था कि राजवीर के खाते से ₹3000 उनकी मां को दिया जाए और विभागीय कार्रवाई चल रही थी क्योंकि लंबे समय से कार्यालय में हाजिर नहीं हो रहे थे स्वता ही अपने आप को वीआरएस सेवानिवृत्त मान चुका था मामले की जांच पड़ताल कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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