दुनिया की पोल खोलने वाले रवीश कुमार का भाई चला रहा था सेक्स रैकेट, सच्चाई खुली तो…

बहुचर्चित पत्रकार रवीश कुमारनई दिल्ली। केंद्र सरकार को अक्सर सही गलत का आईना दिखाने वाले बहुचर्चित पत्रकार रवीश कुमार के अपने ही घर में ऐसा घिनौना काम हो रहा था जिसे उनका आईना नहीं भांप पाया। या यूं कहें कि ये जानकर भी अंजान बने रहे। बता दें कि पत्रकार रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पाण्‍डेय पर यौन शोषण के साथ साथ सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप लगा है। इस आरोप के बाद से ही मीडिया जगत में खलबली मची हुई है।

बृजेश पांडेय पर ऐसा घिनौने आरोप लगने के बाद से ही पत्रकारिता जगत दो खेमों में बंट गया है। कुछ का कहना है कि भाई पर ऐसे गंभीर आरोप लगने के बाद भी रवीश कुमार की चुप्पी कुछ अलग ही इशारा कर रही है कि शायद वह भी तो इस कांड में लिप्त तो नहीं हैं। वहीं कुछ का कहना है कि यह महज एक सोची समझी घिनौनी साजिश है जिसके जरिये रवीश की छवि खराब की जा रही है।

सोशल मीडिया पर भी रवीश पर ट्वीट्स और कमेंट्स की बाढ़ आई हुई है। कुछ लोगों को इसी बहाने पत्रकारिता जगत के गड़े मुर्दे उखाड़ कर रवीश को आड़े हाथो लेना शुरू कर दिया है। इसी मामले से संबंधित पत्रकार खुर्शीद अनवर पर बलात्‍कार के आरोप वाला मामला भी काफी गरमा गया है। खुर्शीद ने यह आरोप सामने आने के बाद खुदकुशी कर ली थी। जिसके बाद कई पत्रकारों ने उनके लिए हमदर्दी जताते हुए आत्‍महत्‍या के लिए मजबूर किए जाने का आरोप लगा दिया था।

इसी क्रम में वरिष्‍ठ पत्रकार अभिषेक उपाध्‍याय ने रवीश के विरोध में लिखते हुए उनके समर्थकों को जवाब दिया है। उन्‍होंने लिखा है कि “लो आज सीधा सीधा लिख मारते हैं। सुनो वामपंथ की लंपट औलादों। एनडीटीवी वाला रवीश पांडेय का भाई ब्रजेश पांडे बलात्कारी है और सेक्स रैकेट में फंसा है। तो लड़की का चरित्र बताए रहे हो।

इसके बाद अभिषेक ने आसाराम के बेटे नारायण साई का मामला भी उछाल दिया जिसमें उन्होंने कहा कि तुमने नारायण साई का नाम सुना है। वो जिस मामले में साल 2013 में गिरफ्तार हुआ था। वो साल 2002 से 2005 के बीच का मामला था। न यक़ीन हो तो सूरत की पीड़ित महिला के आरोप की एफआईआर निकलवा कर देख लो। नारायण साईं आज भी जेल में है। अभिषेक ने रवीश पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि ऐसे 1000 उदाहरण हैं। गिनवाऊंगा तो बगैर क्लोरोफॉर्म सुंघाए बेहोश हो जाओगे।

आपको बता दें कि ये वही रवीश कुमार हैं जो अपने खुले खत और बेबाक वक्तव्य के लिए खासे जाने जाते हैं। अक्सर ही अपने इसी अंदाज से केंद्र सरकार के कामकाज पर भी सवाल उठाते हुए आलोचना करते नजर आते हैं। जिसमें हमेशा ही उनका टारगेट सीधा नरेंद्र मोदी पर होता है। खैर केंद्र सरकार क्या कर रही है और क्या नहीं यह तो रवीश ने अपने खत के जरिये नाप दिया लेकिन उनके अपने ही घर में बंद दरवाजे के पीछ क्या हो रहा है यह शायद उनको नजर नहीं आया। या यूं कहें कि उन्होने देख कर भी आंखें बंद कर रखी थीं।

आज के दौर में उनकी बेबाक पत्रकारिता की यही अदा की नौजवानों के लिए जो अपना करियर पत्रकारिता में तलाशते हैं उनके लिए प्रेरणाश्रोत बन चुकी है। ऐसे में रवीश की इस मामले में गंभीर चुप्पी उनकी बेबाक पत्रकारिता पर तो सवालिया निशान लगाती ही है और साथ ही साथ यह भी इशारा करती है कि शायज इस सेक्स रैकेट के साम्राज्य में केवल नाम भाई का हो और काम रवीश का?

LIVE TV