इतनी बर्फबारी के बाद एक ही गांव के 118 परिवार भूखे प्यासे,

ताजा बर्फबारी ने नामिक गांव को अलग-थलग कर दिया है। गांव के दो पैदल रास्ते बर्फ से ढक गए हैं। पहुंच न होने के कारण गांव का राशन तेजम खाद्य गोदाम और बागेश्वर जिले के गोगिना में डंप होकर रह गया है।

बर्फबारी
नामिक और हीरामणि ग्लेशियर की तलहटी पर बसे नामिक के 118 परिवार घोर मुसीबत में हैं। बिर्थी के पास से नामिक जाने वाला रास्ता बर्फबारी के कारण कई जगह बंद है। 27 किमी लंबे इस पैदल मार्ग में नामिक गांव से 9 किमी की दूरी पर स्थित शेर धार के साथ ही धारापानी, थाला ग्वार आदि स्थानों में बर्फ है। मंगलवार को फोन पर हुई बातचीत में नामिक के क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह जेम्याल ने बताया कि नामिक गांव में तीन से साढ़े तीन फीट बर्फ गिरी है। नामिक से सात किमी दूरी पर बागेश्वर जिले के गोगिना के पास तक काफी बर्फ गिरी हुई है। घोड़े, खच्चर मार्ग में नहीं चल पा रहे हैं।

गोगिना से नामिक तक बर्फ पटे होने के कारण सस्ते गल्ले का करीब 10 क्विंटल राशन गोगिना में डंप है। गांव के लिए मार्च तक का राशन आवंटित हो गया है। शेष राशन गल्ला गोदाम तेजम में पड़ा है। गांव में गेहूं, चावल की जबरदस्त किल्लत हो गई है। गांव के लोग मोटा अनाज मडुवा आदि खाकर गुजारा कर रहे हैं।

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फोन करने के लिए डेढ़ किमी की दौड़
नामिक गांव के लोगों को फोन में बात करने के लिए गांव से डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई तय कर धूरा कांठा जाना पड़ता है। मंगलवार को भी क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह ने इसी स्थान से अमर उजाला को फोन पर गांव के रास्ते बंद होने की सूचना दी।

मार्च तक का राशन तेजम गोदाम में पहुंच चुका है। सस्ता गल्ला विक्रेता ने राशन उठा भी लिया है। रास्ता खुलते ही नामिक राशन पहुंच जाएगा।

नामिक गांव के लिए आवाजाही बंद होने, राशन किल्लत के मामले में प्रशासन और पूर्ति विभाग से बात की जा रही है। नामिक के लोगों की दिक्कत को सरकार के सामने रखा जाएगा।

नामिक का रास्ता खुलवाने के लिए लोनिवि को कहा जा रहा है। रास्ता खुलवाया जाएगा। राशन नामिक भिजवाया जाएगा।

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