बढ़ती उम्र से प्रभावी ढंग से लड़ सकता है दिमाग

लंदन। एक अध्ययन से पता चला है कि ज्यादा उम्र हमारे याद रखने और दूसरी शारीरिक और ज्ञान संबंधी कौशलों को धीमा कर सकती है, लेकिन हमारे मस्तिष्क में इस प्रभाव को कम करने की विशेष क्षमता होती है। हमारे चारों तरफ दुनिया में होने वाली घटनाओं और हमें मिलने वाली रोजमर्रा की सूचनाओं को  दिमाग भी कई श्रेणियों में बांटकर रखता है।

दिमाग

अध्ययन में यह पता चला है कि हमारी उम्र के बढ़ने के साथ इन श्रेणियों के बंटवार में भी बदलाव होता है। बुजुर्ग लोगों का दिमाग श्रेणियों के बंटवारे को लेकर संघर्ष करता है और एक श्रेणी से दूसरे श्रेणी पर तेजी से जाता है।

जर्मनी के रुहर-यूनिवर्सिटेट बोचुम (आरयूबी) की न्यूरोसांइटिस्ट सबरीना शेंक ने कहा, “बुजुर्ग लोगों को एक योजना से दूसरे में जाने पर कठिनाई होती है।”

अध्ययन बताता है कि बुजुर्गो का दिमाग इसे युवाओं की तुलना में ज्यादा ध्यान देकर इसकी भरपाई की कोशिश करता है।

शोधकर्ता बताते हैं कि युवा व्यापक स्तर से और कई स्रोतों के जरिए जानकारी जुटाते हैं, जबकि बुजुर्ग विस्तार से जानकारी जुटाने पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं।

शेंक ने कहा, “एक निश्चित हद तक दिमाग बढ़ती उम्र के नकारात्मक प्रभावों को अपना ध्यान बढ़ाकर कम करने में सक्षम होता है।”

शोध में प्रतिभागियों को कई रंगों के संयोजन वाले गोलों को दो श्रेणियों में से एक में हल करने को कहा गया।

इसमें कुछ गोले एक दूसरे से बहुत समान थे और दूसरे बहुत भिन्न। किस श्रेणी में कौन से गोले रखे जाएं, इसका संकेत परीक्षण में प्रतिक्रिया द्वारा दिया जाना था।

परिणाम में यह सामने आया कि समान गोलों को रखने में बुजुर्ग और युवा प्रतिभागियों को कोई कठिनाई नहीं हुई, दोनों समूहों के चुनने की प्रक्रिया एक रही।

अलग दिखने वाले गोलों में बुजुर्गो को युवाओं की तुलना में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

दूसरे शब्दों में कहें तो युवाओं की तुलना में उन्हें ज्यादा बारीकी से गोलों पर ध्यान देना पड़ा। यह अध्ययन पत्र पत्रिका ‘जर्नल न्यूरोसाइक्लोगिया ‘ में प्रकाशित हुआ है।

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