बड़े जंतुओं की संख्या में तेजी से गिरावट : विशेषज्ञ

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न्यूयॉर्क। विशेषज्ञों ने चेताया है कि दुनिया के बड़े जंतुओं की संख्या तेजी से घट रही है। इन्हें विलुप्त होने से रोकने के लिए बड़ी राजनीतिक कार्रवाई और आर्थिक प्रतिबद्धताओं की जरूरत है। पत्रिका ‘बॉयोसाइंस’ में प्रकाशित लेख में 43 वन्यजीव जानकारों ने लिखा है कि बिना तात्कालिक परिवर्तनों के धरती पर मौजूद बहुत-सी विशेष प्रजातियां जैसे गोरिल्ला, गैडे, हाथी, शेर, बाघ, भालू और कई दूसरे बड़े स्तनधारी गायब हो जाएंगे।

अमेरिका के लॉस एंजिल्स के कैलिफरेनिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और लेख की सहलेखक ब्लेयर वान वाल्केनबर्ग ने कहा, “इन शानदार जानवरों का धरती से गायब होना एक विचित्र त्रासदी होगी।”

विशेषज्ञों का कहना है कि विलुप्त प्राय जीवों के लिए सबसे बड़ा खतरा उनका अवैध शिकार, वनों को काटना, पर्यावास का खत्म होना, वन्य इलाकों में खेती का विस्तार और जनसंख्या वृद्धि है।

प्रकाशित लेख में कहा गया है कि 59 प्रतिशत मांसाहारी और 60 प्रतिशत शाकाहारियों की आबादी विलुप्त होने की श्रेणी में रखी गई है। यह स्थिति उप सहारा अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में गंभीर है, जहां सबसे ज्यादा विविधता वाले जीवजंतु रहते हैं।

ओरेगन राज्य विश्वविद्यालय के लेख के मुख्य लेखक विलियम रिपल ने कहा,”बड़े जानवरों का क्षय होना तेजी से जारी है।”

उन्होंने कहा, “जितना ही मैं संसार के स्थलीय जानवरों के इस क्रम को देखता हूं, मेरी चिंता है कि हम इन जानवरों को जल्द खो देंगे। ये हमारे पारिस्थितिकी तंत्र और मनुष्य के लिए बहुत जरूरी हैं।”

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