अनाथ बच्चों को गोद लेने पर भारत सरकार करेगी आपको मालामाल, फ्री में मिलेंगी ये सुविधाएँ…

गोद लेने को इच्छुक दंपत्तियों को केंद्र सरकार बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे अनाथ बच्चों और परित्यक्त बच्चे को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी। सरकार चाहती है कि इन बच्चों का डेटा केंद्रीय दत्तक रिसोर्स अथारिटी (कारा) के अंतर्गत चाइल्ड एडॉप्शन रिसोर्स इन्फार्मेंशन एंड गाइडेंस सिस्टम से जोड़ा जाए।

अनाथ बच्चों को गोद

इससे लोगों को इन बच्चों के बारे में ज्यादा जानकारी होगी और वे इन्हें गोद लेने को प्रोत्साहित हों। बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभाओं को निखारने और इनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए महिला व बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हौसला नाम से संचालित किया जा रहा कार्यक्रम सरकार की इसी मुहिम का हिस्सा है। लेकिन सरकार चाहती है कि अगर इन बच्चों को बेहतर परवरिश का कोई मौका मिल सकता है तो यह कोशिश गंभीरता से की जानी चाहिए।

राज्यों के बाल संरक्षण आयोग को सलाह
सूत्रों के मुताबिक महिला व बाल विकास मंत्रालय में सचिव राकेश श्रीवास्तव ने पिछले दिनों राज्य बाल संरक्षण आयोग को इस तरह का परामर्श दिया है कि वे सीसीआई में रहे रहे अनाथ बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया से जोड़ने के लिए उचित कदम उठाएं।

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सचिव ने यह सलाह भी दी है कि इन बच्चों के गैर संस्थागत देखभाल पर भी जोर देना चाहिए। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि बाल देखभाल केंद्रों में बहुत से बच्चे किसी अनहोनी के कारण रहने को मजबूर होते हैं।

या तो उनके माता पिता में से कोई नहीं होता या फिर वे छोड़ दिए जाते हैं और उनके मां बाप का पता नहीं होता। यह बच्चे एक अहाते के भीतर ही अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर होते हैं।
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देश भर में करीब आठ हजार बाल देखभाल संस्थान-सीसीआई हैं। इनमें से करीब 2200 सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हैं। यहां रह रहे कुल बच्चों की संख्या करीब 80 से 85 हजार के बीच है। सूत्रों का कहना है कि कानूनी वजहों से इन संस्थानों में रखे गए बच्चों के अलावा अन्य बच्चों के लिए सरकार बिना किसी कानूनी अड़चन के बेहतरी के कदम उठा रही है।

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