फोर्टिस अस्पताल का कमाल, 11 साल बाद पैरों पर चलने में सक्षम युवक

फोर्टिस अस्पतालनई दिल्ली| फोर्टिस अस्पताल में दो जटिल शल्य चिकित्सा के बाद एक 21 साल के व्यक्ति को नई जिंदगी मिल गई। यह व्यक्ति 11 साल बाद अब अपने पैरों पर चलने में सक्षम हो गया है। अस्पताल की ओर से शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, गौरव शर्मा साल 2005 में एक भयंकर दुर्घटना के शिकार हो गए थे। इसमें उनके कुल्हे और पैर में आई चोट की वजह से चलने के लिए बैशाखी का सहारा लेना पड़ रहा था। उन्होंने कई अस्पतालों में छह बार ऑपरेशन कराया था।

अस्पताल ने अपने एक बयान में कहा कि शर्मा का मामला बहुत जटिल था, क्योंकि उनकी जांघ में कील लगने से उनकी हड्डी कृत्रिम कूल्हे को लगाने में दिक्कत कर रही थी।

शर्मा में कूल्हा प्रत्यारोपण की पहली शल्य चिकित्सा पांच मई, 2016 को फोर्टिस में की गई।

यहां फोर्टिस में आर्थोपेडिक्स, स्पाइन, जॉइंट रिकंस्ट्रक्शन के निदेशक और रिप्लेसमेंट सर्जन, धनंजय गुप्ता ने कहा, “पहले चरण में कील को जंघे से बाहर निकालना था और फिर कूल्हे के जोड़ को खोलना था।”

छह महीने बाद रोगी के कूल्हे की फिर से आर्थोप्लास्टी की गई। यह बहुत आसानी से हो गया, क्योंकि कूल्हे के जोड़ को पहले ही खोल दिया गया था।

गुप्ता ने कहा कि अब मरीज बिना सहारे के आसानी से चलने में सक्षम है। उसे अब फिजियोथेरेपी दी जा रही है, ताकि उसकी मांसपेशी मजबूत हो सके।

शर्मा ने कहा, “इन चिकित्सकों से मिलने के पहले मैं अनिश्चितता में था। बीते साल की गई शल्य चिकित्सा के कारण में अस्थायी रूप से सदमे में था। हालांकि अब मैं जब खुद को अपने पैरों पर बिना सहारे के चलता हुआ देख रहा हूं तो मेरे पास खुशी जाहिर करने के लिए शब्द नहीं हैं।”

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