स्कूल ने इस तरह फर्जीवाड़ा कर बर्बाद किया छात्राओं का साल

फर्जीवाड़ालखनऊ : यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की मान्यता न होने के बावजूद स्कूल ने फर्जीवाड़ा कर छत्राओं को दाखिला दिया। उनसे हर महीने की फीस के साथ-साथ पंजीकरण करवाने, प्रयोगात्मक परीक्षा करवाने के नाम पर भी रकम वसूली। प्रवेश पत्र न मिलने पर जब स्कूल में छत्राओं ने विरोध किया तो पहले उन्हें दूसरे स्कूल से परीक्षा दिलवाने और फिर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से परीक्षा दिलाने का झांसा देता रहा। मंगलवार को जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी के पास शिकायत लेकर आईं छत्राओं ने इस फर्जीवाड़े की पोल खोल दी।

छात्रा शीलू शुक्ला ने आरोप लगाया कि एलडीए कालोनी स्थित आदर्श भारती स्कूल ने उन्हें 11वीं में दाखिला दिया। हर महीने 800 रुपये ट्यूशन फीस ली और इसके बाद पंजीकरण फार्म भरवाने के 800 रुपये व प्रयोगात्मक परीक्षा के 800 रुपये लिए। यही नहीं प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी छत्राओं की फर्जी करवाई गईं, जब छत्राओं ने स्कूल संचालक से रोलनंबर मांगा तो उसने कहा कि आप प्रयोगात्मक परीक्षाएं दो और रोलनंबर बाद में भर दिया जाएगा। शीलू कहती हैं कि उसके साथ कुछ और छात्राएं भी थीं और सभी झांसे में आ गईं। मगर जब प्रवेश पत्र नहीं आया तो छात्रओं को शक हुआ पूछताछ करने पर स्कूल संचालक पल्ला झाड़ने लगा।

छात्र ने बताया कि इस स्कूल की हकीकत पता की तो मालूम चला कि इसकी सिर्फ हाईस्कूल तक की मान्यता ही है। बाद में किसी हेराल्ड स्कूल से परीक्षा दिलवाने का झांसा देने लगा। मगर अब परीक्षा में सिर्फ दो दिन बचे हैं और प्रवेश पत्र नहीं मिल पाया है। अब छत्राओं का साल बर्बाद हो गया है। उधर, स्कूल संचालक बलदेव मेहता से जब बात की गई तो पहले उन्होंने कहा कि यह सारा काम उनका बेटा देखता था। वह दो महीने से बीमार था, इलाज के बाद उसकी मृत्यु हो गई। अब कोई कागज नहीं मिल रहा। फिर जब स्कूल की इंटरमीडिएट की मान्यता के बारे में पूछा गया तो वह बोले कि हम इंटरमीडिएट की कोचिंग करवाते हैं। छात्रओं का साल बर्बाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अब वह राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से फार्म भरवाकर इम्तिहान दिलवा देंगे। अब सवाल यह उठता है कि अब तो मुक्त विद्यालय के भी फार्म भरने का समय बीत गया है तो किसी तरह परीक्षा दिलवाई जाएगी। फिलहाल जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी की ओर से मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।

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