प्रेरक-प्रसंग: जिद्दी शेर

एक जंगल में बहुत ताकतवर शेर रहता था। वह जब भी शिकार के लिए निकलता था। वह कई जानवरों को मौत के घाट उतार देता था। जंगल के सारे जानवर उससे डरने लगे थे। इस समस्या का समाधान करने के लिए एक दिन जंगल के सारे जानवर एक स्थान पर एकत्रित हुए। सभी ने एक सुझाव दिया कि शेर के पास चलते हैं और इस बारे मे बात करेंगे।

जिद्दी शेर

दूसरे दिन जानवरों का एक दल शेर के पास पहुंचा। इतने सारे जानवरों को देख गरज कर बोला- ‘तुम सब यहां पर क्यों आए हो?’ उसके बाद जानवरों के सरदार ने कहा महाराज आप जंगल के राजा हैं। जब आप शिकार के लिए निकलते हैं तो बहुत से जानवरों को मार देते हैं जिनको आप पूरा खा भी नहीं पाते हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो जल्दी ही हमारी संख्या कम हो जाएगी। बिना प्रजा के राजा का भी कोई काम नहीं होगा। इसलिए हमारी आप से विनती है कि आपको शिकार के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है रोज आपके पास एक शिकार अपने आप ही पहुंच जाएगा। शेर को भी यह विचार अच्छा लगा और उसने इसकी सहमति दे दी। उसने भी सोचा की चलो अच्छा है भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी। एक-एक करके जानवरों को शेर के पास भेजा जाने लगा।

एक दिन एक खरगोश की बारी आई। वह देखने में बहुत छोटा था, लेकिन था बहुत चतुर। उसने सोचा शेर के हाथों मरने से अच्छा है इस समस्या के हल के लिए कोई तरकीब निकाली जाए। वह शेर के पास देरी से पहुंचा। उस देर के लिए शेर बहुत गुस्सा हुआ और कहा- ‘एक तो तुम देरी से आए हो और ऊपर से काफी छोटे भी हो। किसने तुमको भेजा है मैं तुमको खाने के बाद सबको ठीक कर दूंगा।’ खरगोश विनम्रता से बोला- ‘ भेजने वालों ने तो पूरे 7 खरगोश को भेजा था। लेकिन रास्ते में दूसरा शेर मिल गया। उसने बाकी के खरगोश खा लिये। मैं जैसे तैस बच कर यहां आ पाया।’ ‘क्या दूसरा शेर, वह कहां रहता है?’ – शेर गजरकर बोला। ‘महाराज वह जमीन के नीचे से बनी एक गुफा के अंदर रहता है। हमने उससे कहा था कि तुम गलती कर रहे हो। हम सभी अपने राजा के भोजन के लिए जा रहे हैं। यदि तुमने कोई गलती की तो हमारे राजा तुमको छोड़ेंगे नहीं। लेकिन वह शेर नहीं माना। वह बोला इस जंगल का राजा तो मैं हूं। जिसे तुम अपना राजा समझ रहे हो वह कोई राजा नहीं है।’ – खरगोश ने जवाब दिया।

खरगोश की बातें सुनकर वहशेर गुस्से में बोला – ‘चलो मुझे बताओ वह शेर कहां रहता है। उसकी सारी हेकड़ी मैं निकाल देता हूं।’ ऐसा कहकर शेर खरगोश के पीछे हो लिया। खरगोश शेर को एक गहरे कुएं के पास ले जाकर बोला ‘महाराज वह शेर इसके अंदर रहता है।’ मूर्ख शेर ने जब कुएं के अंदर झांका तो उसे अपनी परछाई को देख उसे दूसरा शेर समझ लिया और कुएं के अंदर छलांग लगा दी और वह मर गया। जैसे ही शेर के मरने की खबर जंगल मे फैली सारे लोग खरगोश की जय जयकार करने लगे।

LIVE TV