प्रेरक-प्रसंग: सुखी और सफल जीवन का रहस्य है…
किसी बस्ती में एक उल्लू रहता था। उसकी बोली लोग बड़ी अशुभ समझते थे। इसीलिए कोई भी उसे अपने पास न आने देता था। जैसे ही वह बोलता, लोग उसे भगा देते थे।
बस्ती वालों के इस व्यवहार से उल्लू बड़ा दुखी रहने लगा। एक दिन वह अपनी सहेली चमगादड़ से बोला – “बहिन, मेरी आवाज कोई सुनना नहीं पसंद करता। लोगों के इस व्यवहार से मुझे बड़ा दुःख होता है। मैं यह स्थान छोड़कर जा रहा हूँ।
चमगादड़ उसे समझाते हुए कहने लगी – “मित्र, परिस्थितियाँ तो सब जगह एकसी ही हैं। अपनी आवाज के कारण तो तुम जहाँ भी जाओगे, तिरस्कार पाओगे। अच्छा तो यही है कि तुम लोगों की निंदा से प्रभावित न होओ। तुम अपनी चिंतन को संतुलित रखो। सद्गुणों को अपनाओ। यही सुखी और सफल जीवन का रहस्य है।”