जीएसटी पर मोदी के बदले बोल, दोहरी मार से छटपटा रही कांग्रेस, तब भी दिया झटका और अब…

प्रधानमंत्री नरेंद्रनई दिल्ली। सियासी गलियारों में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव के इतर एक बड़ा मुद्दा सभी की जुबान पर है। मुद्दा है जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स। केंद्र सरकार के फरमान के अनुसार इसे लागू करने में अब चंद घंटे ही शेष रह गए हैं। इस दौरान भाजपा की कट्टर दुश्मन और मजबूत विपक्ष कांग्रेस ने भी अपना धाकड़ दांव चल दिया। बता दें कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक पुराना वीडियो पोस्ट करके हमला बोला। उस वीडियो में नरेंद्र मोदी जीएसटी का विरोध करते दिख रहे हैं।

#GSTTamasha हैशटैग के साथ इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से लिखा गया कि मोदी जी कितनी जल्दी अपने ही शब्द भूल जाते हैं, वह जीएसटी को बिना इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करे क्यों लागू कर रहे हैं।

वीडियो में मोदी कहते है, ‘जहां तक जीएसटी के संबंध में गुजरात सरकार और भारतीय जनता पार्टी का सवाल है तो हमारा स्टैंड बिल्कुल साफ है, जीएसटी के संबंध में हमने कहा है कि आपका जीएसटी का सपना तबतक पूरा नहीं हो सकता, तबतक साकार नहीं हो सकता जबतक की आप पूरे देश में टैक्स पेयर के साथ आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर का नेटवर्क नहीं बनाते, यह जीएसटी की रचना ही ऐसी है कि हम जीएसटी को लागू ही नहीं कर सकते यह सिंपल सी बात है।

इस वीडियो को पोस्ट करने के पीछे मंशा कुछ भी हो, लेकिन अब इस फैसले में उलटफेर की संभावना दिखाई नहीं देती। शुक्रवार रात जीएसटी लागू होना तय है।

जीएसटी परिषद ने सभी वस्तुओं और सेवाओं को चार टैक्स स्लैब (पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) में विभाजित किया है। जीएसटी परिषद ने 12011 वस्तुओं को इन चार वर्गों में रखा है।

आम जनता के लिए उपयोगी करीब 80 वस्तुओं पर शून्य टैक्स (कर मुक्त ) लगेगा। सिगरेट, शराब और पेट्रोलियम उत्पादों (पेट्रोल, डीजल इत्यादि) को अभी जीएसटी से बाहर रखा गया है।

इसके साथ ही जूट, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, दूध, छाछ, दही, प्राकृतिक शहद, ताजा फल, सब्जियां, आटा, बेसन, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप पेपर, मुद्रित किताबें, अखबार, चूड़ियां, हैंडलूम, अनाज, काजल, बच्चों की ड्राइंग, कलर बुक इत्यादि। एक हजार रुपये से कम कीमत वाले होटल और लॉज इत्यादि पर कोई भी कर नहीं लगाया जाएगा।

बता दें भारत में आम नागरिकों पर दो तरह के टैक्स लगते हैं- प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर। आयकर और कॉर्पोरेट टैक्स इत्यादि प्रत्यक्ष कर हैं। बिक्री कर और सेवा कर इत्यादि अप्रत्यक्ष कर हैं।

संविधान में 122वें संशोधन विधेयक के जरिए देश में लगने वाले सभी अप्रत्यक्ष करों की जगह एक जुलाई 2017 से केवल एक टैक्स “वस्तु एवं सेवा कर” लगाया जाएगा। दुनिया के 150 से अधिक देशों में ऐसी ही कर व्यवस्था लागू है।

देखें वीडियो :-

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