प्रतियोगी परीक्षाओं में विजय पाने के लिए ऐसे करें तैयारी, होंगे हमेशा अव्वल

नई पीढ़ी के लिए इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाएं अब इंजीनियर और डॉक्टर बनने के अलावा नए क्षेत्रों जैसे जेनेटिक इंजीनियरिंग, रोबोटिक्स इत्यादि में करियर बनाने के लिए अहम है. लिहाजा इन क्षेत्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बच्चों को तैयार करने की बड़ी चुनौती पेरेंट्स के सामने बनी रहती है. इसके साथ ही छात्रों के यहां तक के सफर में स्कूल के आखिरी 2-4 वर्ष बेहद अहम होते हैं.

प्रतियोगी परीक्षा

इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगिता में शामिल होने से पहले छात्रों को स्कूल में कक्षा 8 से कक्षा 12 तक पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ती है. इन चुनौतियों को देखते हुए डिजिटल माध्यम ने सबसे अहम परिवर्तन व्यक्तिगत तौर पर बच्चों की स्कूली शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की दिशा में किया है.

कोचिंग सेंटर एक कमरे में सैकड़ों छात्र को एक साथ बैठाकर पढ़ाने के मॉडल पर काम करते हैं. कोचिंग सेंटर में किसी छात्र की निजी दुविधा को दूर करने के लिए व्यक्तिगत परामर्श की संभावना सीमित रहती है. लेकिन डिजिटल माध्यम ने इस पक्ष को नया आयाम दिया है. टेक्नोलॉजी की मदद से प्रत्येक छात्र अपनी दुविधाओं को दूर करने के लिए देशभर में मौजूद टीचर्स की मदद ले सकते हैं.

चोरी की आदत से बाज नहीं आया पाकिस्तान, नहीं वापस किया अभिनंदन का ये सामान…

दरअसल, किसी विषय अथवा चैप्टर को ग्रहण करने की क्षमता प्रत्येक छात्र में अलग-अलग रहती है, और डिजिटल माध्यम अपने इंटरैक्टिव पक्ष के चलते छात्रों का सटीक आकलन करते हुए उनको मदद उपलब्ध करने में सक्षम रहता है.

परंपरागत शिक्षा के सामने पैरेंट्स के लिए बड़ी चुनौती थी कि किस तरह वह अपने बच्चों को घर से, शहर से अथवा राज्य से बाहर कारगर शिक्षा पाने के लिए भेजें. वहीं जब बात लड़की की शिक्षा की आती है तब घर से बाहर सुरक्षा की चुनौती सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी हो जाती है. लेकिन डिजिटल होती दुनिया ने शिक्षक और छात्र दोनों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का काम किया. परंपरागत शिक्षा सामग्री पर आधारित स्कूली और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को भी नया आयाम मिला.

विपक्ष के आरोपों पर बरसे अमित शाह ने कहा, ममता जी सबूत मांग रही हैं…

टेक्नोलॉजी से शिक्षा व्यवस्था में आ रहे बदलावों को ग्रहण करने में एक बार फिर वही संस्था शीर्ष पर आई जिसने परंपरागत व्यवस्था में छात्रों के बीच अपना लोहा मनवा रखा था. आकाश एजुकेशनल सर्विसेस लिमिटेड ने इन बदलावों को ग्रहण करते हुए ई-लर्निंग प्लैटफॉर्म आकाश डिजिटल की नींव रखी. आकाश इंस्टीट्यूट की 30 साल की अपनी महारत को टेक्नोलॉजी में पिरोते हुए आकाश डिजिटल अब ब्लैकबोर्ड-क्लासरूम को अधिक कारगर बना रहा है. छोटे-छोटे शहरों में मौजूद छात्रों को JEE, NEET समेत कक्षा 8 से 12 की परीक्षाओं व ओलंपियाड्स की तैयारी डिजिटल माध्यम से कराने का पूरा सिस्टम तैयार है.

 

LIVE TV