पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय ने हाल ही में लांच किया नया एप “स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018”

नई दिल्ली| पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय ने हाल ही में राजधानी दिल्ली में ‘स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 (SSG 2018)’ का शुभारंभ किया। इसके तहत सभी ज़िलों में 1 से 31 अगस्‍त, 2018 तक एक स्‍वतंत्र सर्वेक्षण एजेंसी द्वारा सर्वेक्षण किया जाएगा और इसके नतीजों की घोषणा मात्रात्‍मक एवं गुणात्मक स्‍वच्‍छता के पैमाने के आधार पर सभी ज़िलों और राज्‍यों की रैंकिंग के रूप में की जाएगी।

स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 (SSG 2018)

पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (एमडीडब्ल्यूएस) स्वच्छता (स्वच्छता) मानकों के आधार पर भारत के सभी जिलों की राष्ट्रीय रैंकिंग प्रदान करने के लिए “स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018” का कार्य करना चाहता है। यह रैंकिंग स्वाभाव के नागरिक की धारणा से डेटा तक सीमित नहीं है, लेकिन पैरामीटर के एक व्यापक सेट पर आधारित होगी। इस ऐप का उद्देश्य नागरिकों के साथ जुड़ना और कार्यक्रम में सुधार के लिए अपनी प्रतिक्रिया मांगना है। इस ऐप के माध्यम से एकत्रित डेटा को गोपनीय रखा जाएगा और एक सुरक्षित सर्वर में संग्रहीत किया जाएगा।

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एसएसजी 2018 का उद्देश्य  

  • ‘एसएसजी 2018’ का उद्देश्‍य ‘एसबीएम-जी’ (स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण) से जुड़े महत्त्वपूर्ण मात्रात्‍मक एवं गुणात्‍मक पैमाने के प्रदर्शन के आधार पर राज्‍यों और ज़िलों की रैंकिंग करना है।
  • इस प्रक्रिया के तहत देशव्‍यापी संचार अभियान के ज़रिये ग्रामीण समुदायों को अपने आसपास के क्षेत्रों में स्‍वच्‍छता एवं साफ-सफाई में बेहतरी लाने के कार्य से जोड़ा जाएगा।

स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018

प्रमुख बिंदु 

  • स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण के हिस्‍से के रूप में देश भर के 698 ज़िलों के 6980 गाँवों को कवर किया जाएगा।
  • सर्वेक्षण के लिये इन गाँवों के कुल 34,000 सार्वजनिक स्‍थानों जैसे कि स्‍कूलों, आँगनबाड़ी केंद्रों, सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों, हाट/बाज़ार/धार्मिक स्‍थानों का मुआयना किया जाएगा।
  • सीधी बातचीत के साथ-साथ ऑनलाइन फीडबैक के ज़रिये स्‍वच्‍छ भारत मिशन (MBM) से जुड़े मुद्दों पर 50 लाख से भी अधिक नागरिकों के फीडबैक को इकट्ठा किया जाएगा।

इस प्रक्रिया के तहत 65 प्रतिशत भारांक (वेटेज) इस सर्वेक्षण के निष्‍कर्षों एवं नतीजों को दिया गया है, जबकि 35 प्रतिशत भारांक सेवा क्षेत्र से जुड़े उन पैमानों को दिया गया है, जिन्‍हें पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय के आईएमआईएस से प्राप्‍त किया जाएगा।

 कहाँ से करें डाउनलोड – ये एप सभी के प्रयोग के लिए google play store पर मुफ्त में उपलब्ध है।

 

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