पुर्तगाल के प्रधानमंत्री पर भड़के गोवा के राजनीतिक दल, कहा- मांगो माफी

पुर्तगाल के प्रधानमंत्रीपणजी। गोवा के कुछ राजनीतिक दलों ने राज्य में औपनिवेशिक काल में किए गए अत्याचारों के लिए पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा से माफी की मांग की है। गोवा एक समय में पुर्तगाल का उपनिवेश हुआ करता था। दलों ने राज्य की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि वह विधानसभा चुनावों से पहले ईसाई मतदाताओं को खुश करने के लिए कोस्टा के दौरे का इस्तेमाल कर रही है।

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) ने पुर्तगाली वाणिज्य दूतावास को गोवा के बाहर स्थानान्तरित करने की मांग की है, वहीं उसके सहयोगी दल गोवा सुरक्षा मंच ने केंद्र और गोवा में भाजपा पर तुच्छ राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रवादी लबादा उतारने का आरोप लगाया है।

राज्य में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में एमजीपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और पूर्व लोक निर्माण मंत्री सुदीन धवलिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, “उन्हें (पुर्तगाल के प्रधानमंत्री को) सबसे पहले गोवावासियों से माफी मांगनी चाहिए, उन सभी कठिनाइयों और अत्याचारों के लिए जिनका सामना गोवा के लोगों ने पुर्तगाल के शासनकाल में किया था।”

धवलिकर ने कहा, “साल 1961 में गोवा छोड़ते वक्त पुलों को उड़ा कर और तबाही मचाकर उन्होंने (पुर्तगालियों ने) जो विध्वंस किया था, वह अक्षम्य है।”

पूर्व मंत्री की यह टिप्पणी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा के राज्य के दौरे के कार्यक्रम से एक दिन पहले आई है। कोस्टा गोवा मूल के पुर्तगाली नागरिक हैं।

हालांकि, धवलिकर ने कहा कि महारष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी कोस्टा के दौरे का विरोध नहीं करेगी, क्योंकि ‘वह धरती पुत्र हैं और अपने गृह राज्य का दौरा कर रहे हैं।’

पूर्व मंत्री ने गोवासियों द्वारा पुर्तगाली पासपोर्ट की इच्छा जाहिर किए जाने के कारणों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य में पुर्तगाली वाणिज्य दूतावास की उपस्थिति ही इसकी जड़ में है। उन्होंने इसे अन्यत्र स्थानान्तरित करने की मांग की।

धवलिकर ने कहा, “वाणिज्य दूतावास की मदद से वे हमारे युवाओं को फुसलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसे तुरंत गोवा से बाहर स्थानान्तरित किया जाना चाहिए।”

गोवा, पुर्तगाल के पुराने उपनिवेशों में एक था। साल 1961 में भारतीय सेना ने औपनिवेशिक शासन से इसे मुक्ति दिलाई थी। एक आम अधिसूचना के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गोवा के सभी मूल निवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान की थी।

इस बीच गोवा आरएसएस के पूर्व प्रमुख व गोवा सुरक्षा मंच के प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने आईएएनएस से कहा कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए कोस्टा के दो दिवसीय गोवा दौरा का इस्तेमाल कर रही है।

पूर्व संघचालक ने कहा, “भाजपा को पुर्तगाली राष्ट्राध्यक्ष से पहले एक माफी की मांग करनी चाहिए थी। लेकिन, गोवा के साथ-साथ केंद्र में सत्तासीन होने के बाद भाजपा ने अपना राष्ट्रवादी लबादा उतार दिया है।”

हालांकि, वेंगलिकर ने कहा कि गोवा में 1961 से पहले किए गए जुल्मों के लिए बाद की पुर्तगाली पीढ़ियां जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुर्तगाल देश से माफी की मांग कर रहे हैं। हम पुर्तगाल की नई पीढ़ी के खिलाफ नहीं हैं।

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