पुरातत्व विभाग ने ढूंढ निकाली हड़प्पा से भी पुरानी सभ्यता, मिली बेशकीमती वस्तुएं

पुरातत्व विभागहिसार। अभी तक हड़प्पाकालीन सभ्यता को दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता माना जाता था लेकिन अब चीजें बदल गईं हैं। फतेहाबाद जिले के गांव कुनाल में हड़प्पाकाल से भी प्राचीन सभ्यता के संकेत मिले हैं। पुरातत्व विभाग ने दावा किया है कि पिछले दिनों गांव कुनाल में शुरू की गई खुदाई में प्री-हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष मिले है, जो 6000 साल पुराने हैं।

अगर यह बात सच होती है तो यह सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता हो सकती है। हड़प्पाकालीन सभ्यता करीब 3500 साल पुरानी है जबकि प्री-हड़प्पाकालीन सभ्यता तो 5000 से 6000 वर्ष पुरानी है। खुदाई के दौरान टीम को आभूषण, मणके, हड्डियों के मोती मिले हैं। पुरातत्व विभाग का कहना है कि ये वस्तुएं बेशकीमती हैं और विभाग इन्हें अपने संग्रहालय में सहज कर रखेगा।

डेप्युटी कमिश्नर एन. के. सोलंकी ने बताया कि गांव कुनाल में हड़प्पाकालीन स्थल पर नदी के प्रवाह क्षेत्र के किनारों की खुदाई आरंभ हो गई है। राष्ट्रीय संग्रहालय के महा निदेशक डॉ. बी. आर. मनी भारतीय पुरातत्व समिति की देखरेख में यह कार्य किया जा रहा है। यहां पर 1985 में भी खुदाई का काम शुरू हुआ था। उस दौरान यहां 24 कैरेट सोने के हार व चांदी के मुकुट भी मिले थे, जो पहले हरियाणा से कहीं नहीं मिले। इससे यह सभ्यता हड़प्पाकालीन सभ्यता से पूर्व की सभ्यता सिद्ध हो रही है। यहां पर आभूषण पिघलाने की भट्ठी भी मिली थी, जिससे यह स्पष्ट लग रहा है कि लोग आभूषण ढालने का काम किसी भट्टी से करते थे।

उन्होंने बताया कि खुदाई में मिले आभूषण, चूड़ियां, मणके की मदद से इस सभ्यता को और गहराई से समझा जाएगा। खुदाई के दौरान यहां पर गोलाकार घर भी मिले हैं, जो हड़प्पाकालीन संस्कृति से भी पूर्व की संस्कृति के प्रमाण सिद्ध हो रहे हैं। करीब 5000 से 6000 साल पहले लोग ऐसे मकान नदियों के किनारे बनाते थे। हड़प्पाकालीन सभ्यता के लोग घरों को चौरस बनाते थे।

कुनाल में मिट्टी के गोलाकार मकान मिले हैं। कहीं पर भी ईंट और पत्थरों का इस्तेमाल नहीं किया गया है जो दर्शा रहा है कि ये प्री-हड़प्पाकालीन सभ्यता के अवशेष है। सैटलाइट फोटो से भी इस क्षेत्र में नदी प्रवाह के स्पष्ट संकेत मिल चुके हैं। यहां नदी की खुदाई व रिपोर्ट बनाने तक का काम केंद्रीय पुरातत्व विभाग देखेगा। एकबार सारा काम पूरा होने के बाद खुदाई के दौरान मिलने वाले अवशेष व रिपोर्ट की प्रतिलिपि हरियाणा पुरातत्व विभाग के सुपुर्द कर दी जाएगी।

 

 

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