पीएम मोदी के खिलाफ खुली जंग का ऐलान, मिली जान से मार देने की धमकी

पीएम मोदीगुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खुली जंग का ऐलान करने वाली इरोम शर्मिला को जान से मार देने की धमकी मिली है। इरोम ने 26 जुलाई को अपना अनशन खत्‍म किया था और इसके बाद उन्‍होंने चुनाव लड़ने की भी घोषणा की थी।

पीएम मोदी के खिलाफ किया था ऐलान

इरोम ने मणिपुर में आने वाले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद ही उन्‍हें एक कट्टरपंथी संगठन से धमकी मिली है। वहीं दो अन्‍य संगठनों ने इरोम से अपना अनशन जारी रखने को कहा है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, धमकी देने वाले अलगाववादी संगठन एएसयूके के प्रमुख एन ओकेन ने कहा कि जो भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल होता है, उसकी हत्या कर दी जाती है। इससे पहले भी कुछ क्रांतिकारी नेताओं की हत्या कर दी गई थी। यह संगठन स्वतंत्र मणिपुर की मांग करता है।

संगठन ने इरोम के उस निर्णय पर भी आपत्ति जताई है जिसमें उन्‍होंने ब्रिटिश नागरिक अपने मंगेतर डेसमंड कूटीन्यो से शादी करने की इच्छा जताई थी। इंफाल हाईकोर्ट में पत्रकारों से बात करते हुए इरोम ने कहा था कि वह अपना अनशन नौ अगस्त को खत्म करेंगी और आने वाले मणिपुर चुनाव में हिस्‍सा लेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह अपने मंगेतर से शादी भी करेंगी।

कौन हैं इरोम शर्मिला

आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशल पावर एक्‍ट 14 मार्च 1972 को हुआ था। इरोम मणिपुर से आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशल पावर एक्‍ट 1958, जिसे सशस्‍त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से भूख हड़ताल पर हैं। इस भूख हड़ताल के तीसरे दिन सरकार ने इरोम शर्मिला को गिरफ्तार कर लिया। उन्‍होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की थीं। कुछ लोगों को लगा था कि यह कदम एक युवा ने भावुकता में उठाया है। लेकिन समय के साथ इरोम शर्मिला के इस संघर्ष की सच्चाई लोगों के सामने आती गई।

अब वह 44 साल की हो चुकी हैं। उन्होंने असम राइफल के जवानों की मुठभेड़ में 10 नागरिकों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था। इसके बाद से उन्हें नाक में नली लगाकर ही भोजन दिया जा रहा है। इरोम नाम पर अबतक दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। पहला सबसे लंबी भूख हड़ताल करने और दूसरा सबसे ज्‍यादा बार जेल से रिहा होने का रिकॉर्ड दर्ज है।

2014 में अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्‍हें एमएसएन ने वूमन आइकन ऑफ इंडिया का खिताब दिया था। इरोम शर्मिला ने 1000 शब्दों में एक लंबी ‘बर्थ’ शीर्षक से एक कविता लिखी थी। यह कविता ‘आइरन इरोम टू जर्नी- व्हेयर द एबनार्मल इज नार्मल’ नामक एक किताब में छपी थी। इस कविता में उन्‍होंने अपने लंबे संघर्ष के बारे में बताया है।

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