पीएम मोदी अब पानी के अंदर भी आतंकियों को करेंगे ढेर, खर्च होंगे हजार करोड़
नई दिल्ली। उरी हमले के बाद से भारत सरकार आतंकवाद को रोकने के लिए हर सख्त कदम उठा रही है। फिर चाहें सीमा पर आर्मी के जवानों की संख्या को बढ़ाना हो या फिर राफेल लड़ाकू विमान डील। अब सरकार सीमा पार से होने वाले घुसपैठ को रोकने के लिए पश्चिमी मोर्चे पर हजार करोड़ की मल्टी लेयर सिक्योरिटी स्थापित करने पर काम कर रही है। सिर्फ जमीन पर ही नहीं बल्कि पानी के अंदर से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए भी भारत सरकार कार्य कर रही है। पानी में तैरना और डाइविंग जैसी चीजें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ट्रेनिंग का हिस्सा है, जो कि वह अपने सदस्यों को देते हैं।
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बताया जा रहा है कि देशी सेंसर तकनीक पानी के नीचे घुसपैठियों का पता लगाने वाली तकनीकी ग्रिड का हिस्सा होगी। इस तकनीक के तहत लेजर वॉल्स (लेजर बीम्स की दीवार), ग्राउंड सेंसर और थर्मल इमेजर्स को नदियों में अंतराल पर लगाया जाएगा। आर्मी के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकी भारत में घुसपैठ करने के लिए सबसे ज्यादा पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए अब हम पानी को भी सुरक्षित करने जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर पिछले साल सीमा पार से हेरोइन की एक खेप ट्यूब में भरवा कर जलकुंभी के साथ कवर करके भेजी गई थी। यह खेप पानी के अंदर सीमा पार कर गई थी। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से गृह मंत्रालय पहले ही कई बॉर्डर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे चुका है।