पानी बर्बाद करने वालों सावधान, बूंद-बूंद के लिए भी तरसना पड़ेगा

पानी बर्बादलखनऊ। मनुष्य खाने के बिना तो कुछ दिन जी सकता है, पर पानी के बिना हम जीने की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं। पानी अधिकतर लोगों को फ्री में मिलता है जिसकी वजह से वो उसकी की क़ीमत नहीं समझ रहे हैं। लेकिन पानी बर्बाद करने वालों की वजह से पूरी दुनिया का भविष्य अन्धकार में जा रहा है। कुछ ऐसी ही खास रिपोर्ट यूपी के आगरा से सामने आई है।

ताज नगरी की जमीन खोखली हो रही है। भूजल स्तर औसतन सालाना एक मीटर गिर रहा है। हजारों सबमर्सिबल पंप और आरओ प्लांट धरती से पानी चूस रहे हैं। भूगर्भ जल विभाग की वर्ष 2013 से 2016 तक की रिपोर्ट के अनुसार, आगरा का जलस्तर तीन मीटर तक गिर चुका है। कहीं तो जल खतरनाक स्तर से भी नीचे चला गया है।

पानी बर्बाद करने वालों सावधान

रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में पानी की एक-एक बूंद के लिए भी मोहताज होना पड़ सकता है। आगरा में पानी की किल्लत नई नहीं है। यह मुगलकाल से चली आ रही है। उस दौर में राजधानी रहे आगरा को इसी कारण अपना दर्जा खोना पड़ा था। यहां से राजधानी दिल्ली चली गई थी। यह किल्लत अभी तक बरकरार है। यमुना से आगरा की 20 लाख शहरी आबादी की जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। नतीजा यह कि शहर में 1.80 लाख से अधिक सबमर्सिबल पंप जमीन से पानी खींच रहे हैं। आरओ प्लांट भूगर्भ जल का का लगातार दोहन कर रहे हैं। जलस्तर गिरने की सबसे ज्यादा बुरी हालत कैंट स्टेशन के पास दर्ज हुई है।

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