पाक सेना को खुली चुनौती, खाली कर दो बलूचिस्‍तान वरना 1971 से भी बुरे नतीजे भुगतोगे

पाक सेनानई दिल्ली। बलूचिस्तान मुद्दा लगातार गर्माता ही जा रहा है। खासकर पीएम मोदी द्वारा बलूच मुद्दा उठाये जाने के बाद से बलूच नेताओं में जोश सा आ गया है और वह अब पाक सेना से दो-दो हाथ करने को बेताब नजर आ रहे हैं।

पाक सेना को चुनौती

बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष ब्रहमदाग बुगती ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि किसी भी बातचीत से पहले पाकिस्तानी सेना को बलूचिस्तान को छोड़ना होगा।

बुगती ने चेतावनी दी कि पाकिस्तानी सेना ने ऐसा नहीं किया तो उसे 1971 से भी ज्यादा बुरे नतीजे भुगतने पड़ेंगे।

बुगती ने कहा कि मैंने पाकिस्तानी अधिकारियों की तरफ से ऐसा बयान देते देखा है जिसमें कहा गया है कि वे बातचीत करना चाहते हैं।

बुगती ने कहा कि, हमने कभी नहीं कहा कि हम बात नहीं करना चाहते। ये पाकिस्तानी सेना है जो किसी भी मु्द्दे को ताकत के जरिए दबाना चाहती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना लोगों को बंधक बनाए रखना चाहती है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए पाकिस्तानी सेना को पहले बलूचिस्तान से वैसे ही हटना होगा जैसे कि उसने 1971 में बांग्लादेश से किया था।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि, बुगती (पूर्व बलूच नेता) ने अपने संदेश में स्पष्ट कहा था कि ‘हम न पाकिस्तान का हिस्सा थे, न हैं और न ही रहेंगे।

जूनियर बुगती ने कहा कि अगर हम बलूचिस्तान में दमन या ऑपरेशन की बात करें तो साल-छह महीने में मीडिया में इस पर कोई खबर दिखाई जाती है, वो भी सेंसर होने के बाद।

उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाक मीडिया ने कभी भी बलूचिस्तान के लोगों पर हुए अत्याचार के बारे में बात नहीं की। बलूचिस्तान में रोजाना लोगों की हत्या की जा रही है। किसी दूसरे के द्वारा अत्याचार का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान अब जांच की बात कह रहा है।

बुगती ने चेतावनी देते हुआ कहा कि अगर पाकिस्तानी सेना यहां से नहीं जाती है तो उनका हाल बांग्लादेश से भी बुरा होगा। बुगती ने कहा कि हम कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं थे और ना रहेंगे। हमें जबरन इसके साथ मिलाया गया है।

बुगती ने बलूच लोगों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाने के लिए पीएम मोदी का एक बार पुनः आभार प्रकट किया।

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