
नई दिल्ली : मोदी सरकार द्वारा सिंधु जल समझौते के तहत अपने हिस्से में आने वाले ज्यादा से ज्यादा पानी के इस्तेमाल करने की योजना आख़िरकार सही साबित होती दिख रही है। ऐसा होने पर पाकिस्तान में पानी के लिए हाहाकार मचने में अब ज्यादा समय नहीं है।
पाक के दो शहरों- रावलपिंडी और इस्लामाबाद में गंभीर जलसंकट गहराता दिख रहा है। लेकिन पाक के अधिकारी इसके पीछे मौसम की मार का हवाला दे रहे हैं। ऐसा लंबे समय तक शुष्क मौसम के कारण पाकिस्तान के खानपुर बांध के सूखने से हो रहा है।
बांध के अधिकारियों ने रविवार को अखबार ‘डॉन’ से कहा कि लंबे समय तक शुष्क मौसम और जलग्रहण क्षेत्रों में ज्यादा बारिश नहीं होने के कारण पानी के प्रवाह में कमी से भूमिगत चट्टाने और बांध की तलहटी कई जगह दिखाई देने लगी है। यह एक खतरनाक चेतावनी है।
अधिकारी ने इसकी भी पुष्टि की कि पाकिस्तान में पानी का स्तर चिंताजनक रूप से निम्न स्तर पर पहुंच गया है। दूसरी तरफ जानकारों का कहना है कि तक्षशिला और वाह में जलस्तर तेजी से घट रहा है। इससे ट्यूबेल के पानी में भी कमी आ रहा है।
बांध में पानी का स्तर रविवार को समुद्र तल से 1,952 फीट ऊपर रहा। यह इसके न्यूनतम स्तर 1910 फीट से सिर्फ 42 फीट ऊपर है। बांध में पानी का प्रवाह 25 क्यूसेक रहा, जबकि बांध से सीडीए इस्लामाबाद और रावलपिंडी छावनी बोर्ड सहित कई नगर निगम के नागरिक लाभार्थियों को पानी की आपूर्ति का प्रवाह 187.18 क्यूसेक प्रतिदिन है।
अधिकारियों के अनुसार, मौजूदा शुष्क मौसम के कारण बांध में पानी का स्तर 30 फीट तक गिरा है। इससे रावलपिंडी और इस्लामाबाद की आपूर्ति में कमी हो सकती है। उन्हें डर है यदि जलग्रहण वाले इलाकों में जल्द बारिश नहीं हुई तो सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति में कटौती जरूरी हो जाएगी।