पाकिस्तान ने भारत से बदला लेने के लिए शुरू किया K-2 प्लान, बढ़ गया खतरा

काठमांडु और ढाका स्थित पाकिस्तानी दूतावासों को भारत विरोधी भावनाओं और हरकतों का गढ़ बनाने के बाद पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को नए सिरे से धार देने में जुट गया है. इसके लिए पाकिस्तान सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने अपने ही एक पुराने विध्वंसकारी षड्यंत्र ‘के-2’ (K-2) को नए सिरे से अंजाम देने की साजिश रची है.

नए खुफिया इनपुट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर और खालिस्तान आतंकवादियों के साथ मिलकर ‘कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट’ (KKRF) बनाया है. इस नए मोर्चे का मकसद विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगाववादियों को एक साथ लाकर भारत के खिलाफ बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों को अंजाम देना है.

K2 plan

अस्सी के दशक में बना था पहली बार ‘के-2’ प्लान-

गौरतलब है कि पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य प्रमुख जनरल जिया उल हक  ने अस्सी के दशक में भारत को अस्थिर करने के लिए ‘के-2’ प्लान बनाया था. जनरल जिया और जुल्फिकार अली भुट्टो भारत को सैकड़ों टुकड़ों में बांटना चाहते थे. यह अलग बात है कि पाकिस्तान अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं हो सका.

हालांकि इस साल अगस्त के महीने में कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और इस मसले पर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती के बाद पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई और पाकिस्तानी सेना समेत चुनिंदा पाक हुक्मरानों ने गहरे षड्यंत्र रचने शुरू किए हैं.

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‘कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट’ का गठन-

इनमें सबसे नया है कि कश्मीर और खालिस्तानी आतंकियों को एक साथ मिलाकर ‘कश्मीर खालिस्तान रिफ्रेंडम फ्रंट’ का गठन, जो वास्तव में अस्सी के दशक में पाक सेना के षड्यंत्र (Conspiracy) का एक नया रंग-रूप है. इस फ्रंट से विदेशों में रह रहे खालिस्तानी समर्थकों और कश्मीरी अलगावादियों को एक साथ जोड़ने की कोशिश है, ताकि भारत को दो मोर्चों पर अस्थिर किया जा सके. खुफिया एजेंसियों को प्राप्त इनपुट्स के मुताबिक ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन और दूतावासों के जरिये पाकिस्तान केकेआरएफ को मजबूत बना रहा है.

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