जब भारतीय सेना ने की गोलीबारी, गिनती छोड़ भागे पाकिस्तानी
इस्लामाबाद। भारत के साथ सीमा पर तनाव के चलते पाकिस्तान ने जनगणना का काम बंद कर दिया है। दरअसल, भारत-पाक सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार है। यही वजह है कि जनगणना के काम के लिए सैन्यकर्मियों की कमी हो गई है। ऐसे में पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने 17 साल में पहली बार होने जा रही जनगणना के काम को स्थगित कर दिया है।
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने जनगणना के काम के लिए पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स कोई निश्चित समय सीमा तय करने में असफल रहा है। लंबे समय के बाद पाकिस्तान में छठी बार जनगणना होने वाली थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को वित्त मंत्री इशाक दार ने जनगणना की तैयारियों की समीक्षा को लेकर बैठक बुलाई थी। मार्च, 2016 में जनगणना के काम को स्थगित किए जाने के बाद से अब तक ऐसी कई मीटिंग्स बुलाई जा चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक लाइन ऑफ कंट्रोल पर तनाव के चलते सैन्यकर्मियों के अभाव की वजह से एक बार फिर से जनगणना के काम को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया है। पाकिस्तान ने 17 साल पहले आखिरी बार जनगणना की गई थी।
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (पीबीएस) के सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘हम जनगणना के काम को रोके जाने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने कहा कि ब्यूरो ने जनगणना के काम के लिए अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन इसे शुरू करने के लिए काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। पीबीएस के मुताबिक, जनगणना के काम को अंजाम देने और डोर-टू-डोर सर्वे के लिए करीब 167,000 सैन्यकर्मियों की जरूरत होगी।
इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए 20 से 30 हजार लोगों की तैनाती करने की जरूरत होगी। पीबीएस के एक अधिकारी ने कहा कि सेना का अनुमान है कि जनगणना के काम के लिए कुल मिलाकर 3,00,000 लोगों की जरूरत होगी, लेकिन सीमा पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सेना से इतने बड़े पैमाने पर लोगों को लेना असंभव होगा।