पाकिस्तान का कहना हैं की किसी के दबाव में मसूद अजहर पर नहीं करेंगे कोई कार्रवाई

नई दिल्ली : पाकिस्तान का कहना है कि वह मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए किसी के दबाव में नहीं आएगा। वहीं यह बात गुरुवार को इस्लामाबाद के एक उच्च अधिकारी ने कही। पड़ोसी देश का यह जबाव ऐसे समय पर आया है जब एक दिन पहले ही चीन ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने उसे मसूद से तकनीकी बाधा हटाने के लिए अल्टीमेटम दिया हैं।

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देखा जाये तो मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया है। उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने को लेकर लाए गए प्रस्ताव पर चीन ने अड़ंगा लगाया था। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि अजहर को लेकर पाकिस्तान का रवैया स्पष्ट है। 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी अजहर ने ही ली थी। इसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

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जब यह पूछा गया कि चीन ने अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित करने पर तकनीकी बाधा लगा दी तो फैसल ने कहा, ‘इस संबंध में पाकिस्तान जो भी निर्णय लेगा वह उसके राष्ट्रीय हित में होगा। पाकिस्तान किसी के दबाव में नहीं आएगा।’ चीन ने बुधवार को उन खबरों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा जा रहा था कि चीन को अजहर से तकनीकी बाधा हटाने के लिए 23 अप्रैल तक का समय मिला है।

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि मसूद का मामला समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पता नहीं, मीडिया कैसे कह रहा है कि इस मामले में चीन को तकनीकी बाधा हटाने के लिए 23 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया गया है। जबकि चीन को कोई अल्टीमेटम नहीं मिला है। मीडिया को उन लोगों से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए जो ऐसी सूचनाएं जारी करते हैं।

दरअसल पुलवामा हमले के बाद मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने एक प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन पाकिस्तान के दोस्त चीन ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करते हुए प्रस्ताव को तकनीकी बाधा में डाल दिया। वहीं जिसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् पहुंच गए थे।

 

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