पाकिस्तान उठाने जा रहा ये बड़ा कदम, सरहद पर भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ेगा…

इस्लामाबाद। पुलवामा में हुए आतंकी हमले और भारतीय वायुसेना की ओर से की गई एयर स्ट्राईक के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव का माहौल है। दोनों देशों की राजधानियों इस्लामाबाद और दिल्ली में बैठकों का दौर चल रहा हैं।

इस बीच तनाव के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ करतारपुर कॉरिडोर पर बातचीत जारी रखना चाहता है। इस बावत पाक के विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा, ‘कॉरिडोर के समझौते के मसौदे (ड्राफ्ट एग्रीमेंट) पर चर्चा के लिए 14 मार्च को एक टीम भारत आएगी।’ पाकिस्तान के इस कदम को दोनों देशों के बीच आई कड़वाहट कम वाला बताया जा रहा है।

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल करेंगे कॉरिडोर एग्रीमेंट पर चर्चा

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इसकी पुष्टि की है और इस फैसले की जानकारी देने के लिए भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त गौरव अहलुवालिया को विदेश मंत्रालय बुलाया। फैसल के मुताबिक, पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल 14 मार्च 2019 को भारत जाएगा। इसके बाद भारत का डेलीगेशन 28 मार्च को इस्लामाबाद आएगा। इसमें करतारपुर के ड्राफ्ट एग्रीमेंट पर चर्चा होगी।

199 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
फैसल ने यह भी कहा कि पाक हर हफ्ते मिलिट्री ऑपरेशंस पर डायरेक्टोरेट लेवल पर बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें, पाकिस्तान ने शर्त रखी थी कि करतारपुर गलियारे को लेकर वह अपना प्रतिनिधिमंडल तभी भेजेगा, जब भारत भी इस्लामाबाद में होने वाली अगली मीटिंग में अपना दल भेजेगा।

करतारपुर कॉरिडोर क्यों महत्वपूर्ण?

आपको बता दें कि कॉरिडोर बनने के बाद सिख तीर्थयात्री बिना वीजा लिए पाक स्थित करतारपुर गुरुद्वारा जा सकेंगे। बीते साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान ने अपनी-अपनी तरफ बनने वाले कॉरिडोर की आधारशिला रखी था। 28 नवंबर 2016 को पाक के कार्यक्रम में भारत के दो केंद्रीय मंत्री और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए थे।

मालूम हो कि 1522 में गुरु नानक ने करतारपुर में ही पहला गुरुद्वारा स्थापित किया था, जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। इस कारण सिख समुदाय में इस स्थान का विशेष महत्व है। भारतीय सीमा से महज 4 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के नारोवाल जिले में आता है।

नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर भारती सिंह ने तोड़ी चुप्पी, कही है ये बड़ी बात

अभी तक भारतीय श्रद्धालुओं को पंजाब के गुरदासपुर जिले में सीमा के पास लगाई गई हाई पावर दूरबीन के जरिए ही गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन करने पड़ते हैं, लेकिन पिछले दिनों दोनों देशों ने इस पवित्र स्थान के दर्शन के लिए शांति प्रयासों के तहत एक सीमारहित कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया था।

LIVE TV