पहली बार चंपावत की इस सीट से भाजपा ने मारी बाजी, बीते दिनों हुए पंचायत चुनाव

उत्तराखंड। उत्तराखंड में बीते दिनों पंचायत का चुनाव काफी चर्चा में रहा। इस चुनाव में भाजपा लगातार शिकस्त खा रही है। इस बार के चुनाव में चंपावत से हॉट सीट पर भाजपा अपना इतिहास रचने वाली है। इस सीट पर जब से उत्तराखंड बना है एक बार भी भाजपा अपना कब्जा नहीं बना पाई है।

पहली बार चंपावत

इस सीट से पहली बार भाजपा अधिकृत प्रत्याशी ने चुनाव जीता है। भाजपा प्रत्याशी विजय बोहरा को भाजपा के बागी और पूर्व जिलाध्यक्ष हिमेश कलखुड़िया के साथ मुकाबला करना पड़ा। इस जीत के साथ भाजपा के लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की ताकत में भी इजाफा हुआ है।

 2014 में भी यह सीट प्रदेश भर में चर्चित रही

जिले के दोनों विधायक (चंपावत के कैलाश गहतोड़ी और लोहाघाट के पूरन सिंह फर्त्याल) इस सीट से पूर्व में जिला पंचायत सदस्य के लिए निर्दलीय के रूप में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। जिला पंचायत की जनकांडे सीट से भाजपा अधिकृत प्रत्याशी विजय बोहरा ने भाजपा के बागी  हिमेश कलखुडिय़ा को शिकस्त दी है। इसी के साथ भाजपा ने पहली बार इस सीट को अपनी झोली में डाला है।

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2003 में यहां से जिला पंचायत सदस्य के लिए विधायक कैलाश गहतोड़ी चुनाव में उतरे और जीते। जबकि 2008 में जनकांडे सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोहाघाट के वर्तमान विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने चुनाव लड़ा। तब कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष उत्तम देऊ ने फर्त्याल को शिकस्त दी थी। जिला पंचायत के 2014 में भी यह सीट प्रदेश भर में चर्चित रही।

तब चुनाव में जीत हासिल करने के बाद निर्दलीय मीना देवी का जिला पंचायत अध्यक्ष के 5 अगस्त 2014 को हुए चुनाव से पूर्व कथित अपहरण करने का आरोप विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने लगाया था। मामला अदालत तक भी गया था।

 

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