परिवार के साथ घूमना बना काल, कार में जली पत्नी और दो बेटियां

देश की राजधानी दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास रविवार शाम करीब 6.30 बजे चलती कार में अचानक आग लगने से महिला और उसकी दो मासूम बेटियों की जलकर मौत हो गई, जबकि कार चला रहा महिला का पति सबसे छोटी बेटी को लेकर किसी तरह कार से बाहर निकल गया। वे मामूली झुलसे हैं।

अक्षरधाम मंदिर

पुलिस के मुताबिक उपेंद्र मिश्रा परिवार के साथ राम पार्क, लोनी में रहता है। वह कार-24 नामक कंपनी में नौकरी करता है। रविवार दोपहर उपेंद्र पत्नी रंजना, बेटी रिद्धि (6), सिद्धि (डेढ़ साल) और निक्की (3) के साथ कार में कालकाजी मंदिर गया था। कार में सीएनजी किट लगी हुई थी।

लौटते समय पत्नी ने अक्षरधाम मंदिर जाने की बात की तो उपेंद्र ने कार को शकरपुर चुंगी से दोबारा अक्षरधाम मंदिर जाने लगा। रेलवे ओवर ब्रिज पर पहुंचकर कार में अचानक आग लग गई। उपेंद्र पीछे की सीट पर बैठी सिद्धि को लेकर किसी तरह बाहर निकल गया, लेकिन पत्नी व दो बच्चियों को नहीं बचा पाया।

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इस कार हादसे ने उपेंद्र मिश्रा की दुनिया ही उजाड़ दी। सबसे छोटी बेटी सहित खुद को किसी तरह कार से बाहर निकालने के बाद उसने पत्नी व दो बच्चियों को बचाने की कोशिश की। बदहवास हाल में उसने जलती कार में कूदने का भी प्रयास किया, लेकिन राहगीरों ने पकड़ लिया। देखते ही देखते पत्नी व बच्चियां मौत के आगोश में चले गए।

रोता बिलखता उपेंद्र लोगों से बच्चियों व पत्नी को बचाने की गुहार लगाता रहा। सबसे छोटी बेटी को सिद्धि  को पता भी नहीं था कि उसकी दो बहनें और मां उसे हमेशा के लिए छोड़ कर जा चुकी हैं। वह तो बस पिता को रोता हुआ देखकर रोए जा रही थी। इस दर्दनाक हादसे को देखकर वहां मौजूद लोगों का कलेजा कांप गया।

हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे उपेंद्र के एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि वह कार बेचने और खरीदने वाली कंपनी कार-24 में नौकरी करता था। बच्चों को घुमाने के लिए अपनी कंपनी से एक माह के लिए कार किराए पर ली थी।

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रविवार को छुट्टी नहीं होने के बावजूद उसने कंपनी से छुट्टी लेकर पत्नी के कहने पर परिवार को कालकाजी मंदिर दर्शन कराने गया था। शाम करीब 6.00 बजे वापसी के दौरान पत्नी ने अक्षरधाम मंदिर भी घुमाने की बात की।

उपेंद्र इसके लिए तैयार हो गया और उसने शकरपुर चुंगी की ओर से कार को अक्षरधाम मंदिर की ओर मोड़ दिया। इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गया। उपेंद्र की छुट्टी उसके परिवार के लिए काल बन गई।

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