परमाणु विखंडन से पैदा होगी 1000 मेगावाट बिजली

परमाणु विद्युत परियोजनाचेन्नई| तमिलनाडु की कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना की दूसरी इकाई में रविवार को विखंडन की प्रक्रिया शुरू हो गई, और उम्मीद है कि अगले तीन माह में अपनी क्षमता के अनुसार यहां से बिजली उत्पादन होने लगेगा।

परमाणु विद्युत परियोजना

परमाणु संयंत्र की पहली और दूसरी इकाई के केंद्र निदेशक एच. एन. साहू ने कहा, “अगले तीन माह में दूसरी इकाई 100 फीसदी ऊर्जा क्षमता तक पहुंच जाएगी और 1000 मेगावाट पर संचालित होने लगेगी।”

उन्होंने कहा कि अगले एक माह में दूसरी इकाई से 430 मेगावाट बिजली पैदा होने की संभावना है। इस इकाई को ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा।

परमाणु विद्युत परियोजना की इस इकाई में परमाणु विखंडन प्रक्रिया पहली बार रविवार रात 8.56 बजे शुरू हुई।

प्रक्रिया के मुताबिक, बिजली का उत्पादन धीरे-धीरे बढ़ाकर 50 फीसदी किया जाएगा, उसके बाद 75 फीसदी, फिर 90 फीसदी और अंत में 100 फीसदी।

जब तक व्यावसायिक बिजली उत्पादन नहीं शुरू हो जाता, यह यूनिट तमिलनाडु विद्युत ग्रिड को जो बिजली देगा, उससे बहुत कमाई नहीं होगी। ऐसा इसलिए कि पैदा होने वाली इस बिजली के बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता।

साहू ने कहा कि इस बीच तीसरी एवं चौथी इकाई के पुर्जे कुडनकुलम पहुंचने शुरू हो गए हैं।

भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएस) ने कुडनकुलम में एक-एक हजार मेगावाट के दो परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थापित किए हैं। यह यहां से करीब 650 किलोमीटर दूसर तिरुनेलवेली जिले में है। इसके संयंत्रों के उपकरणों की आपूर्ति रूस ने की है।

करीब 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से 1000-1000 मेगावाट की दो इकाइयों के निर्माण कार्य की गतिविधियां शुरू हो गई हैं।

एनपीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस. के. शर्मा ने इससे पहले आईएएनएस से कहा था, “तीसरी और चौथी इकाई का निर्माण भी पहली दो इकाइयों की शर्तो के अनुसार ही होगा। उपकरणों की आपूर्ति रूस करेगा, जबकि निर्माण एवं उन्हें संचालित करने की जिम्मेदारी एनपीसीआईएल की होगी।”

उन्होंने कहा कि तीसरी और चौथी इकाई में स्थानीय सामग्री भी लगेगी, भारतीय निर्माता भी कुछ पुर्जे बना रहे हैं।

कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई के बारे में पूछने पर शर्मा ने कहा कि उपकरणों की आपूर्ति का ठेका जारी हो चुका है।

साहू के मुताबिक, इनके लिए खुदाई का काम शुरू हो चुका है और अगले वर्ष मार्च-जून 2017 के बीच कंक्रीट डालने का काम शुरू होने की उम्मीद है।

उसके छह से नौ माह के बाद तीसरी इकाई में परमाणु विखंडन की प्रक्रिया शुरू होगी और छह माह बाद ऐसा ही चौथी इकाई में भी होगा।

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