पद्म श्री में एहसान, लॉय को भी भागीदार मानता हूं : शंकर महादेवन

नई दिल्ली। गायक-संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा कि वह पद्म श्री के लिए चुने जाने पर काफी सम्मानित महसूस कर रहे हैं और वह देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान में अपने साथियों एहसान नूरानी और लॉय मेंडोसा को भी भागीदार मानते हैं।

सरकार ने भारत के 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कार 2019 की घोषणा की।

शास्त्रीय के साथ-साथ मुख्यधारा के फिल्मी गीतों को बेहद सहजता से अपनी आवाज से सजाने में माहिर शंकर ने आईएएनएस को टेलीफोनिक साक्षात्कार में बताया, “मैं वास्तव में बहुत सम्मानित कर रहा हूं कि मुझे भारत सरकार द्वारा यह उपाधि दी जा रही है। यह देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। मुझे नहीं पता कि क्या मैं इस काबिल हूं लेकिन हां मैं निश्चित रूप से खुश हूं।”

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ने कहा, “मैंने अपना काफी संगीत मेरे दो सहयोगियों-एहसान और लॉय के साथ बनाया है इसलिए मैं इस सम्मान में उनको भी भागीदार मानता हूं।”

संगीतकारों की इस तिकड़ी ने ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘कल हो ना हो’, ‘दिल चाहता है’ और ‘लक्ष्य’ जैसी फिल्मों में हिट संगीत दिया है।

उन्होंने कहा, “पद्म श्री प्राप्त करने का मतलब है कि मुझे और कड़ी मेहनत करनी है। आगे और अधिक मधुर संगीत आ रहा है।”

‘मर्णिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी’ के लिए प्रशंसा हासिल करने वाले शंकर ने अपनी अगली परियोजनाओं के बारे में बताया, “हम बहुत अच्छी फिल्में कर रहे हैं। हम मेघना गुलजार के साथ ‘छपाक’, ‘साहो’, ‘द जोया फैक्टर’ और ‘पंगा’ में काम कर रहे हैं।”

रानी लक्ष्मीबाई पर आधारित फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि लोग इसके काम को पहचान रहे हैं और लोग फिल्म को पसंद भी कर रहे हैं। मैं वास्तव में उम्मीद करता हूं कि यह अच्छा करेगी।

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फिल्म में कंगना (रनौत) शानदार लग रही हैं। अगली पीढ़ी को इस तरह के एक महत्वपूर्ण चरित्र के बारे में बताने के लिहाज के आधार पर यह एक बहुत महत्वपूर्ण फिल्म है।”

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