ये उपाय हैं इतने आसान, अपनाने पर रंगत के संग बदलेगी सूरत

पकवानहम सभी नए साल के जश्न में लगे हैं। कोई बाहर जाकर पार्टी कर रहा है। कोई घर में तरह-तरह के पकवान बना रहा है। मगर किसी को भी अपनी सेहत का खयाल नहीं है। नए साल के पहले दिन को ही खुशी से मनाना, प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए। पूरे साल आपको स्‍वस्‍‍थ रहना जरूरी है।

अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अनियमित खानपान, कुछ भी खा लेने और अन्‍य चीजों की वजह से हम बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मानें तो दुनिया में फ्रांस के लोग सबसे ज्‍यादा कोलेस्‍ट्रॉल युक्‍त खाद्य-पदार्थों और पकवान का सेवन करते हैं। स्‍वस्‍थ रहने के लिए आप रोज जिम जायें, वर्कआउट करें। इसके आलावा भी कई तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप साल भर स्‍वस्‍थ रह सकते हैं।

भोजन को ठीक से चबाएं

जल्‍दी में खाना न खायें। छोटे निवाले खायें और उसे अच्‍छे से चबायें। छोटे-छोटे टुकड़ों में खाने से खाने का स्‍वाद मिलता है साथ ही मन को भी संतुष्टि होती है। ऐसा करने से मोटापा नहीं होता। बड़े निवाले आसानी से पेट में पचते नहीं हैं। स्‍वस्‍‍थ रहने का ये उपयोगी प्रयास है।

फल और सब्जियों का सेवन करें

स्‍वस्‍थ रहने के लिये फल और सब्जियों का सेवन बहुत महत्‍वपूर्ण होता है। एक डायट चार्ट बनायें। रोजाना सुबह उठकर पपीता, भीगे हुए बादाम, भीगे हुए चने, भीगे हुई मूंग की दाल की चाट बनाकर इसका सेवन करें। ऐसा करने से आपको भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्‍व मिलेंगे।

जितना हो सके पैदल चलें

रोजमर्रा की जिंदगी आप इतने वयस्त हैं कि आपके पास जिम और वर्कआउट के लिए समय नहीं है तो सुबह शाम आप पैदल चलने की आदत डालें। घर के आस-पास भी जाना हो तो वाहन का उपयोग न करें पैदल ही जायें। ऑफिस में लिफ्ट की बजाय सीढि़यों को प्रयोग में लाएं। इस आदत को बड़ी आसानी से आप आजमा सकते हैं।

नियमित व संतुलित रूप में करें भोजन

स्‍वस्‍थ रहने के लिए संतुलित आहार ही लें। नियमित रूप से भेजन करने से पाचन क्रिया ठीक से काम करती है। यदि एक दिन आपने अधिक खा लिया तो अगले दिन डायटिंग कर लें। डायट चार्ट बनाएं और उसका पालन करें। सोने से 2 घंटे पहले डिनर करें, इससे खाना अच्‍छे से पचता है।

बाहर खाने से बचें

आप स्‍वस्‍थ रहने के लिए हर भरसक प्रयास कर रहे मगर फिर भी स्‍वास्‍थ्‍य ठीक नहीं रहता इसका कारण कि आप बाहर का कुछ भी खा लेते हैं। बाहर का खाना ज्‍यादा तला-भुना होता है और सुरक्षित नहीं होता है। बाहर के खाने में साफ सफाई नहीं होती। उन्हें अच्‍छे तेल में नहीं बनाया जाता जो नुकसान करता है।

 पानी पीते रहें

हमारे शारीर का 2/3 हिस्सा पानी से ही बना हुआ है। पानी शारीर के दुर्षित प्रधर्त को नकालने में मदद करता है और खाने को पचाने में भी अहम भूमिका निभाता है। इससे वजन संतुलित रहता है और बीमारियों से दूर रखता है। हमें एक दिन में कम से कम 10 से 12 ग्‍लास (2 लीटर) पानी पीना चहिए।

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