नोटबंदी पर हंगामें की भेंट चढी संसद की कार्यवाही

नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे को लेकर संसद की कार्यवाही गुरुवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। दोनों सदनों में कोई खास कामकाज नहीं हो पाया। सरकार तथा विपक्ष दोनों ने एक दूसरे पर कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया। लगातार बाधित हो रही कार्यवाही से आक्रोशित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सांसदों को नारेबाजी करने के बजाय ‘अपना काम करने’ की नसीहत तक दे डाली।

नोटबंदी के मुद्दे

लोकसभा में कुछ सदस्यों द्वारा लगातार नारेबाजी से नाराज लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को उनके खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करने की चेतावनी देनी पड़ी।

लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के निकट इकट्ठा होकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही महाजन ने लगभग आधे घंटे तक प्रश्नकाल संचालित किया। इस दौरान वह प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को बार-बार चेतावनी देती रहीं। लेकिन, हंगामा बढ़ने पर कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

प्रथम स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी सांसदों को चेताते हुए कहा कि यदि विपक्षी सांसदों ने विरोध करना और अन्य सांसदों के संबोधन के दौरान उन्हें बाधित करना बंद नहीं किया, तो उनके खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ की जाएगी।

महाजन ने अपनी आसंदी के पास नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, “मैं सांसदों से इस बात का ध्यान रखने को कहती हूं, ताकि हमें कुछ सख्त कदम नहीं उठाने पड़ें। सदन में जो भी सदस्य बोल रहा है, वह निर्वाचित सांसद है और उसे सदन में बोलने का अधिकार है।” अपराह्न दो बजे कार्यवाही एक बार फिर स्थगित होने से पहले महाजन ने नारेबाजी के बीच शून्यकाल का संचालन जारी रखा।

सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित होने के बाद जब अपराह्न दो बजे दोबारा शुरू हुई, तो अध्यक्ष ने अनुपूरक अनुदान मांगों को पेश करने के लिए कहा, लेकिन कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष से बोलने की मंजूरी पाने के लिए सीट पर खड़े दिखे। महाजन ने यह आश्वासन मांगा कि अगर उन्हें बोलने की अनुमति दी जाती है, तो विपक्ष सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देगा। विपक्ष द्वारा कोई आश्वासन न दिए जाने के बाद अनुपूरक अनुदान मांगों को हंगामे के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में भी गुरुवार को नोटबंदी के मुद्दे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान बरकरार रहा। भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से नोटबंदी पर चर्चा शुरू करने को कहा। लेकिन, विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शरू कर दी।

इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले पूर्वाह्न्् 11 बजे ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही स्थगित करनी पड़ी थी।

सुबह कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण अब तक 100 से भी अधिक लोग मारे जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि विपक्ष इसे हर रोज मुद्दा बना रहा है, हालांकि इस पर बहस शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा, आठ नवंबर भारत के इतिहास में हमेशा एक ऐतिहासिक दिन रहेगा।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी के कारण कई शादियों में व्यवधान आया है और लोग नकदी की कमी के कारण दवाइयां तक नहीं खरीद पा रहे हैं। उन्होंने नोटबंदी के बाद मरने वालों को शहीद बताया। आजाद ने कहा, “लोग मर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक है। बेशर्मी की भी हद होती है।”

सत्ता पक्ष के सांसदों ने आजाद पर यह कहकर निशाना साधा कि विपक्ष सरकार पर आरोप लगाता है और जब सरकार जवाब देने की कोशिश करती है, तो वे सुनते तक नहीं। सभापति हामिद अंसारी ने कहा कि यह सदन का नियम है कि सदन के नेता या नेता प्रतिपक्ष, दोनों में से एक को ही बोलने की अनुमति दी जाती है।

सभापति हामिद अंसारी ने बार-बार सदस्यों ने शोरशराबा नहीं करने की अपील की, लेकिन इसके बाद भी जब हंगामा जारी रहा तो सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर में जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य नोटबंदी के खिलाफ नारे लगाने लगे। अंसारी ने तब सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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