रमजान के मद्देनजर नेपाल में स्थानीय चुनाव टले

नेपाल सरकारकाठमांडू। नेपाल सरकार ने बुधवार को मुस्लिमों के पवित्र महीने रमजान के मद्देनजर स्थानीय निकाय चुनावों के अंतिम चरण के मतदान को टाल दिया है। एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरी बार चुनाव की तारीख बदली गई है। एफे न्यूज के अनुसार, नेपाल के गृह मामलों के मंत्री बिमलेंद्र निधी ने कहा कि अब यह चुनाव ईद के एक दिन बाद 28 जून को होंगे। ईद, रमजान महीना खत्म होने के अगले दिन मनाई जाती है।

नेपाल की जनसंख्या में 3.7 प्रतिशत की भागीदारी रखने वाले अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से मंगलवार को इन चुनावों की तारीख को कुछ समय के लिए टालने का अनुरोध किया था।

इससे पहले, सोमवार को नेपाल सरकार ने चुनाव को निर्धारित तिथि 14 जून के बजाए 23 जून को कराने की घोषणा की थी। दरअसल मधेसी पार्टियों द्वारा दो से भी कम वर्ष पहले लागू हुए नए संविधान के कुछ प्रावधानों पर अपनी असहमति को लेकर 20 वर्षो में पहली बार हो रहे स्थानीय चुनावों के पहले चरण के बहिष्कार की धमकी देने के बाद इन्हें शांत करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था।

मधेशी नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र के निवासी हैं, जिसकी सीमा भारत से लगती है। ये लोग अन्य की तरह 2015 के संविधान में राज्य की सीमाओं के पुनर्निर्धारण और विधानसभा में ज्यादा प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं।

चुनावों को टालने की घोषणा प्रधानमंत्री प्रचंड के द्वारा उनकी पार्टी यूसीपीएन-माओवादी और शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली सत्ताधारी सहयोगी नेपाली कांग्रेस के साथ हुए समझौते के तहत अपने पद से इस्तीफा देने के एक हाफ्ते बाद आई है। माना जा रहा है कि नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर स्थानीय चुनावों के दूसरे चरण से पहले प्रधानमंत्री का पद संभाल सकते हैं।

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