बिहार में नीतीश ने बैठक बुलाई, शरद ने ‘जनअदालत’
पटना। जनता दल (युनाइटेड) के लिए शनिवार का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जहां आज कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, वहीं नीतीश द्वारा महागठबंधन तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बनाने से नाराज पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने ‘जनअदालत’ लगाने की घोषणा की है। जद (यू) के दोनों गुटों ने अपने कार्यक्रमों के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। वैसे, माना यह भी जा रहा है कि जद (यू) राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शरद को लेकर नीतीश कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने पिछले महीने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के महागठबंधन से नाता तोड़कर बिहार में भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। इसके बाद से ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और सांसद शरद यादव तथा उनके समर्थक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं।
जद (यू) के दोनों गुटों द्वारा अलग-अलग बैठक बुलाए जाने के बाद यह तय माना जा रहा है कि जद (यू) में दरार पड़ चुकी है और अब जद (यू) में टूट की औपचारिकता शेष है।
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पटना में अपने सरकारी आवास पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने का न्यौता औपचारिक तौर पर स्वीकार कर सकती है।
इधर, पार्टी से नाराज चल रहे शरद यादव के करीबी नेता भी पटना के एस. के. मेमोरियल हॉल में आहूत ‘जनअदालत’ में शामिल होंगे।
शरद के इस कार्यक्रम को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। शरद गुट के समर्थकों ने पटना की सड़कों पर पोस्टर लगाए हैं, जिसमें लिखा है ‘जनअदालत का फैसला- महागठबंधन जारी है।’
शरद गुट की ओर से आयोजित ‘जनअदालत’ के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता क़े सी़ त्यागी ने कहा कि यह पार्टी का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं है।
बिहार जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ‘जनअदालत’ से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह ‘जनअदालत’ तो राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के आवास पर बुलाई जानी चाहिए थी।