शराबबंदी के बाद बिहार में अब ताड़ी भी लगेगा बैन

नीतीश कुमारपटना|  बिहार में शराबियों के बाद अब ताड़ी पीने वालों के भी बुरे दिन आने वाले हैं| राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्ण शराबबंदी के बाद अब ताड़ी पर प्रतिबंध लगाने का इरादा जाहिर किया है। उनके साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे|

नीतीश कुमार लगायेंगे ताड़ी पर बैन

मुजफ्फरनगर में आयोजित मद्य निषेध कार्यक्रम में बोलते हुए नीतीश ने कहा, ‘अगली बार हम बिहार को ताड़ी से भी मुक्त कर देंगे। ताड़ के पेड़ों से ताड़ी के बदले नीरा व अन्य उत्पाद निकलेंगे। इस पर तमिलनाडु में काम हो रहा है। अभी एक ताड़ से जितनी आमदनी होती है उससे पांच गुना ज्यादा आमदनी होगी। महिलाओं  को इस उत्पाद से जोड़ा जाएगा’।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिन लोगों की जीविका ताड़ी के व्यवसाय से है, उनकी आमदनी बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीरा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो इस विषय पर कार्य कर रही है कि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आमदनी कैसे बढ़ाई जाय’।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शराबबंदी से आज पुरूष, महिला, युवा सभी खुश हैं। मदिरा पीने वाले भी अब शराबबंदी की तारीफ करते हैं। शराबबंदी का असर बिहार ही नहीं पूरे देश में है’।

मुख्यमंत्री ने ऑकड़े देते हुए कहा, ‘शराबबंदी से विभिन्न प्रकार के अपराधों में अत्यधिक कमी आई है। हत्या की घटना में 39 प्रतिशत,बलात्कार की घटना में 30 प्रतिशत,लूट की घटना में 25 प्रतिशत,भीषण दंगा की घटना में 64 प्रतिशत की कमी आई है’।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी नेता कहते हैं कि बिहार में जंगलराज है। लेकिन न्याय के साथ विकास उनका लक्ष्य है| वह न्याय के साथ बिहार के विकास में आगे बढ़ रहे हैं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार को अव्वल राज्य बनाने के लिए संघर्ष करते रहना है। महागठबंधन सरकार के कार्यों की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी होती है। श्री कुमार ने शराबबंदी करके ऐतिहासिक कार्य किया है। पूरे देश को नशामुक्त और संघमुक्त बनाना होगा।

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार को बदनाम करने वाले लोग विकास पर्व मना रहे हैं। लोगों ने रट लगा रखी है कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए। अगर किसी में दम है तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करके दिखाए’|

क्या है नीरा

ताड़ के पेड़ से निकला हुआ सूर्योदय के पहले का रस नीरा कहलाता है। तमिलनाडु में 25 वर्षों से नीरा का उत्पादन किया जा रहा है। ताड़ के पत्तों से चटाई बनती है, ताड़ के फल से तरह-तरह के उत्पाद भी बनाये जाते हैं|

 

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