निहित स्वार्थ वाले चंद लोग कश्मीर में उपद्रव भड़का रहे हैं : महबूबा

जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि मुट्ठी भर लोग शांति के विरोधी हैं और कश्मीर घाटी में हिंसा के लिए युवाओं को भड़का रहे हैं। शहर के भगवतीनगर इलाके में एक सरकारी कार्यक्रम में महबूबा ने कहा, “ये लोग कश्मीर में शांति नहीं चाहते हैं और अपने निहित स्वार्थ के कारण युवाओं को हिंसा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।” गत माह घाटी में हिंसा शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री ने पहली बार जम्मू का दौरा किया।

जम्मू में शांति

8 जुलाई को आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर घाटी में हिंसक उपद्रव हो रहे हैं। घाटी में उपद्रवों के दौरान कम से कम 68 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों अन्य लोग घायल हुए हैं।

महबूबा ने कहा कि कुछ भी हासिल करने के लिए हिंसा साधन नहीं है। उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान, सीरिया और रूस में बंदूकें चलीं। क्या बंदूकों के इस्तेमाल से वहां कुछ हासिल हुआ है? हिंसा सिर्फ बर्बादी लाती है और कुछ नहीं।”

मुख्यमंत्री ने लोगों को धन्यवाद दिया कि ऐसे समय में जब घाटी कठिन समय से गुजर रही है, उन्होंने जम्मू में शांति और सौहार्द बनाकर रखा है।

महबूबा ने कहा, “इन लोगों (निहित स्वार्थी तत्वों) ने साल 2008 में उपद्रव शुरू किया। मछिल में एक फर्जी मुठभेड़ के बाद उन्होंने साल 2010 में पुन: उपद्रव शुरू किया। मुझको सत्ता संभालने के बाद हंदवाड़ा कथित दुष्कर्म के मुद्दे पर इन लोगों ने उपद्रव शुरू करने की कोशिश की, लेकिन विफल रहे।”

उन्होंने कहा कि इन्हीं तत्वों ने अवकाश प्राप्त सैनिकों और कश्मीरी पंडितों के लिए पृथक कॉलोनी का मुद्दा भी उठाना चाहा, लेकिन विफल रहे।

महबूबा ने जोर देकर कहा कि कश्मीरियों का एक बड़ा धड़ा शांतिप्रिय है और ‘गरिमा एवं विकास चाहता है।’

मुख्यमंत्री ने कहा, “कुछ खास गुट राज्य में पीडीपी और भाजपा गठबंधन से खुश नहीं हैं और वे गठबंधन को अस्थिर करने पर उतारू हैं।”

महबूबा ने कहा कि राज्य के बाहर पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को घाटी के उपद्रवों के बावजूद किसी समस्या का नहीं होना सिद्ध करता है कि देश के अन्य भागों के लोग कश्मीरियों से प्यार करते हैं।

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