नायब है ये 3 योगासन, जो खराब से खराब लिवर को भी बनाते हैं दुरुस्त

योगा करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और तनाव भरे जीवन के चलते लोगों की जिंदगी से ठहराव मानो कहीं खो सा गया है। सुबह-शाम आॅफिस की भागदौड़ और रोजाना 3 से 4 घंटे जाम में बिताने में बाद किसी के पास इतना वक्त नहीं होता है कि वो अपने स्वास्थ्य के बारे में गंभीरता से सोचे। जिसके चलते आजकल लोग छोटी सी उम्र में ही डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, अवसाद,  तनाव, पाचंन तंत्रिका संबंधी और दिल से संबंधित रोगों के शिकार हो रहे हैं। इस स्थिति से निकलने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है अच्छा खानपान और योगासन।

नायब है ये 3 योगासन, जो खराब से खराब लिवर को भी बनाते हैं दुरुस्त

बदलती लाइफस्‍टाइल और बढ़ते प्रदूषण ने हमारी जिंदगी में तमाम तरह के बदलाव किए हैं। इनमें सबसे ज्‍यादा अगर कुछ बदला है तो नई तरह की बीमारियों ने अपनी जड़ें जमा ली है। संक्रामक बीमारियां हमारे शरीर पर अटैक करें, इससे पहले हमें खुद की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठा लेने चाहिए,‍ जिससे शरीर रोगमुक्‍त रहे। दरअसल, आने वाले सालों में प्रदूषण कम होने की उम्‍मीद कम हैं, ऐसे में खुद को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करना होगा। आज हम आपको 3 ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिन्‍हें आप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। इन तीन योगासनों की खूबियां ये हैं कि, इसे करने से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं।

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कपालभाति

शरीर में ऊर्जा का संचार करने और तनाव दूर करने के लिए कपालभाति प्राणायाम करें। इससे पूरे शरीर को सही तरीके से ऑक्‍सीजन मिलता है, इसकी सबसे खास बात यह है कि इसके नियमित अभ्‍यास से नसों में भी ऑक्‍सीजन आसानी से पहुंच जाता है। यह शरीर को विषाक्‍त पदार्थों से मुक्‍त करता है। ब्‍लड प्रेशर के मरीज थोड़ा ध्‍यान दें।

कपालभाति

इसे करने के लिए सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या किसी भी आसन में बैठ जायें, कमरी सीधी रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और नजर को सीधा रखें। सांस लेते वक्‍त नाभि को अंदर की तरफ ले जायें और सांस बाहर करते वक्‍त नाभि बाहर हो, सांस बाहर आराम से करें। स्थिति सामान्‍य हो और शरीर सीधा रखें। इसे 3 चक्रों में कर सकते हैं।

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सुर्य नमस्‍कार

योगासनो में सबसे असरकारी और लाभदायक सूर्यनमस्कार है। इसमें सभी आसनों का सार छिपा है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास 12 स्थितियों में होता है। इसके आसनों को बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। सूर्य मुद्रा हमारे शरीर के अग्नि तत्वों को संचालित करती है। सूर्य की उंगली का संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से है। सूर्य नमस्कार करने से आंखो की रोशनी बढती है, खून का प्रवाह तेज होता है, ब्लड प्रेशर में आरामदायक होता है, वजन कम होता है। सूर्य नमस्कार करने से कई रोगों से छुटकारा मिलता है। इसे करने से आने वाले साल में हर दिन स्‍वस्‍थ जीवन जी सकेंगे।

सुर्य नमस्‍कार

अनुलोम-विलोम

अनुलोम विलोम प्राणायम को नाड़ी शोधक प्राणायम के नाम से भी जान जाता है। इस आसान को करने के लिए उम्र का बंधन नहीं है, हर उम्र के व्यक्ति इसका लाभ उठा सकते है।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

इसे नियमित रूप से करने पर शरीर की सारी नाडि़यां शुद्ध व निरोग रहती हैं। इसके अलावा इस आसान को करने से सर्दी, जुकाम व दमा में भी काफी राहत मिलती है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को करते वक्त तीन क्रियाएँ की जाती है। पूरक, कुम्भक और रेचक। इसको नियमित रूप से 10 मिनट करने पर भी स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते है। इस योग को भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं, जिससे आने वाला साल सुखमय और रोगमुक्‍त रहे।

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