नायडू के धरने पर पहुंचे शिवसेना प्रमुख ठाकरे, बीजेपी के सामने गठबंधन के लिए राखी ये शर्त…

लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में भाजपा अपने सहयोगी दलों से बातचीत कर रही है। सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन किया ताकि लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सके।

सूत्रों के अनुसार ठाकरे महाराष्ट्र विधानसभा सीटों को लेकर 1995 के फॉर्मूले की वापसी चाहते हैं। उस समय सेना ने 288 में से 169 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जबकि भाजपा ने केवल 116 सीटों पर उम्मीदवारों को उतारा था।

ठाकरे

उस समय दोनों पार्टियों को 138 सीटे मिली थीं। सेना को 73 और भाजपा को 65। जिसके बाद पहली बार राज्य में गठबंधन सरकार बनी थी। जिसके मुखिया मनोहर जोशी थे और उनका समर्थन निर्दलीयों के साथ अन्य लोगों ने किया था।
सींट बंटवारे के अलावा इस व्यवस्था का मतलब है कि सेना को मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार होगा यदि राज्य में गठबंधन सरकार बनती है तो।
जहां शाह लोकसभा चुनाव से पहले सौदा करने के इच्छुक हैं। वहीं उद्धव की प्राथमिकता विधानसभा चुनाव हैं।
ऐसे में वह बातचीत के जरिए ऐसा पैकेज चाहते हैं जिसमें दोनों शामिल हों।
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जहां एक तक तरफ सहयोगी दल बातचीत के जरिए आपसी सहमति बनाने में जुटे हुए थे। वहीं शाम को शिवसेना सांसद और सामना के संपादक संजय राउत नई दिल्ली के आंध्र भवन में नजर आए।
जहां आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार के खिलाफ एक दिन के धरने पर बैठे हुए थे।
राउत ने उन्हें अपना समर्थन दिया। इससे भाजपा को एक संदेश देने की कोशिश की गई कि शिवसेना के पास भी विकल्प हैं।
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