अफीम के शौकीन ये तोते, करते हैं इतना नशा कि आदमी को आ जाए शर्म

नशेड़ी तोतेनशे की लत एक बार किसी को लग जाती है तो वह बावरा हो जाता है. उसे खुद की सुध-बुध नहीं रहती है. संसार की मोहमाया से परे एक अलग ही दुनिया बना लेता है. नशा बहुत ही घातक है कोई भी इंसान अगर एक बार इसके चंगुल में फंस जाता है तो बाहर आना मुश्किल है. इंसान की तरह यह नशा जानवरों और पशु-पक्षियों के लिए भी एक श्राप की तरह होता है. नशेड़ी तोते करते इतना नशा कि इंसान को आ जाए शर्म.

अगर पशु-पक्षी को भी नशे की डोज न मिले तो लचर और बेबस हो जाते हैं. एक ड्रग एडिक्टेड इंसान जैसी हालत होती है वैसी ही हालत इन तोतों की है. ये तोते सिर्फ राजस्थान के चितौड़गढ़ में देखने को मिलते थे. अब ये मध्यप्रदेश के नीमुच के 40 मील के क्षेत्र में भी देखे जाते हैं.

ये तोंते पक्के नशेड़ी बन चुके हैं. एक बार नशा चढ़ जाता है तो ये पेड़ पर ही उड़ने की जगह झुमने लगते हैं.

ये तोते अफीम के नशे में कैद हो गए हैं. सभी तोते अफीम के खेत के इर्द-गिर्द ही रहते हैं. ये पूरे दिन इस फिराक में रहते हैं कि कब किसान मर्फिन से भरे इन फसलों की फूलों को काट कर निकालें और तोते अपनी प्यास बुझा सकें.

नशे के बाद यह नशेड़ी पक्षी पेड़ की डाली पर बैठ जाते हैं. नशे में डूबे होने के कारण ये वहीं सो जाते हैं और घबराहट में नीचे गिर कर मर जाते हैं.

किसानों का कहना है कि उन्होंने पक्षियों को खेतों से दूर रखने के लिए पटाखे जलाये, ड्रम बजाये, पर इन पर कोई असर नहीं होता. किसान अपने खेतों में घंटों इनको भगाने में जुटे रहते हैं. किसानों का कहना है कि ये नशेड़ी तोते इतने शातिर हो गये हैं कि आवाज भी नहीं करते. जब उनका काम पूरा हो जाता है और ये उड़ने वाले होते हैं.

इससे पहले यह घटना 2015 में रिपोर्ट की गई थी. किसानों ने सरकारी नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में इसकी जानकारी दी थी. विभाग इस बात पर नजर रखे हुए था. तभी एक किसान का मामला सामने आया. तोतों ने एक साल में उसकी फसल का 10 परसेंट हिस्सा चुरा लिया था और विभाग को लगा कि वो धांधली कर रहा है.

सरकार किसी किसान को तभी अफीम की खेती करने का लाइसेंस देती है, जब वो सरकार को ये बताता है कि वो कितनी मात्रा में अफीम उगाएगा.

 

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