तीन बार नवाज को मिली पीएम की कुर्सी लेकिन नहीं पूरे कर सके पांच साल

नवाज शरीफइस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर घोटाले के आरोप साबित होने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया। लेकिन ये पहली बार नहीं है, जब उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा हो। शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद पर तीन बार आसीन हुए। लेकिन किसी न किसी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। सबसे पहले राष्ट्रपति के द्वारा, फिर सेना और अब न्यायपालिका ने उनको सत्ता से बेदखल कर दिया।

यह भी पढ़ें:- भारत को मिटाने के लिए बनाया था बड़ा प्लान, पर एक्शन के रिएक्शन से डर गया पाकिस्तान

पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग के मुखिया शरीफ जून, 2013 में तीसरे कार्यकाल में सत्ता पर आसीन हुए थे। लेकिन पनामागेट मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया। जो उनके करियर के लिए बहुत बड़ा झटका है। शीर्ष अदालत के फैसले के बाद पाकिस्तान ऐसे समय राजनीतिक संकट में चला गया है और वह इस वक्त अर्थव्यवस्था के बुरे हालात और बढ़ते चरमपंथ का सामना कर रहा है।

देश की सभी समस्याओं के निवारण करने वाले प्रधानमंत्री की छवि वाले शरीफ पनामा पेपर्स घोटाले के सामने आने के बाद समस्याओं से घिर गए है। शरीफ और उनके परिवार पर विदेश में अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने तथा कर चोरी के आरोप लगे। उनपर ये भी आरोप लगे कि ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड में कंपनी खोली है।

सर्वोच्च न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच दल के गठन का फैसला किया था। अदालत ने नवाज की बेटी मरियम नवाज, दामाद कप्तान मुहम्मद सफदर और उनके बेटे हसन और हुसैन नवाज के साथ-साथ प्रधानमंत्री शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार-रोधी मामले दर्ज कराने की सिफारिश की है।

कार्यान्वयन पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा एकत्रित सभी सबूतों को छह सप्ताह के भीतर एक जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाएगा।

यह भी पढ़ें:-कार्लोस को पछाड़ जुकरबर्ग बने दुनिया के पांचवें सबसे अमीर व्यक्ति

बता दें पहले कार्यकाल के दौरान शरीफ का तत्कालीन राष्ट्रपति गुलाम इसहाक खान के साथ गहरे मतभेद हो गए जिसके बाद खान ने अप्रैल, 1993 में नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था। उसी दौरान सेना के दबाव के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। शरीफ दूसरी बार 1997 में राष्ट्रपति बने, लेकिन 1999 में परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट कर उन्हें अपदस्थ कर दिया था। अपने तीसरे कार्यकाल में शरीफ ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे सहित कई विकास परियोजनाओं को शुरू किया। लेकिन उनसें फिर भी एक गलती हो गयी और वो थी भ्रष्टाचार की। जिसने उन्हें ऐसे जकड़ लिया कि एक बार नवाज को अपना पद छोड़ना पड़ा।

देखें वीडियो:-

https://www.youtube.com/watch?v=Zzgef65FW_0

LIVE TV