पुरानी ट्रेन से तय करें एक नया सफर वो भी सिर्फ 10 रुपयें में…

बचपन से ही ट्रेन की छुक-छुक देखकर बहुत अच्छा लगता था। ट्रेन का सफर करते हुए बाहर के सुंदर नजारे देखना ज्यादातर यात्रियों को दिलचस्प लगता है। अगर आपको पहले चलने वाले भाप के इंजन और धीरे-धीरे चलती ट्रेन के सफर का मजा लेने का मन है तो आप हैरिटेज ट्रेन के सफर का मजा ले सकती हैं। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे का 160 वर्षों का समृद्ध इतिहास रहा है। पिछले कई सालों से रेलवे अपनी औद्योगिक विरासत को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।पुरानी ट्रेन से तय करें एक नया सफर वो भी सिर्फ 10 रुपयें में...

इसका एक मकसद ये भी है कि अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने इतिहास पर गौरव करने के साथ विरासत को अगली पीढ़ी को सौंपा जाए। युवा पीढ़ी रेल के इस रोचक इतिहास से रूबरू हो सके, इस दिशा में एक अनोखा प्रयास शुरू किया गया है। इसके तहत पुराने इंजन और रेलवे कोचेज को फिर से काम करने की स्थिति में लाया जा रहा है।

कुछ समय पहले खबर आई थी कि रेलवे ने पब्लिक एग्जिबिशन के लिए अपने करीब 230 स्टीम लोकोमोटिव, 110 विंटेज कोच को म्यूजियम में सुरक्षित करने पर सराहनीय काम किया है। यह कदम इन धरोहरों को संरक्षित करने के लिए उठाया गया है। इनमें से कई कोच और इंजन 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। भारतीय रेलवे के पास यूनेस्को के चार वर्ल्ड हेरिटेज साइट हैं, जिनमें दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई आते हैं, जिन पर भारत को नाज है।

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भाप से चलने वाले रेल इंजन का करिए सफर

सिर्फ यही नहीं, भारतीय रेलवे पुराने और बेकार पड़े लगभग 16 स्टीम इंजनों को फिर से काम करने लायक स्थिति में लाने के लिए कोशिश कर रहा है। हालांकि ये स्टीम लोकोमोटिव रेगुलर तरीके से इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे। लेकिन अगर इनकी कार्यक्षमता की बात करें तो हैरिटेज ट्रेन के रूप में ये सैलानियों का भरपूर मनोरंजन कर सकती हैं। रेल से सफर करने के शौकीन लोग इन स्टीम एक्सप्रेस की राइड लेने का मजा ले सकते हैं और सिर्फ 10 रुपए में रेलवे की ऐतिहासिक विरासत का लाइव एक्सपीरिएंस ले सकते हैं।

आईआरसीटीसी टूरिज्म के सूत्रों के अनुसार सैलानी गढ़ी हरसरू से फारुखनगर के बीच इन स्टीम इंजनों से एक तरफ का ट्रेन के सफर का मजा ले सकते हैं और इसकी कीमत महज  10 रुपए है। गढ़ी हरसरू स्टेशन से यह ट्रेन सुबह 9:30 बजे रवाना होती है और 12:00 बजे स्टेशन पर पहुंच जाती है। सुल्तानपुर कालिया से ट्रेन सुबह 9:55 पर चलती है और 11:30 बजे उसी स्थान पर वापस पहुंच जाती है। फरूखनगर स्टेशन से ट्रेन सुबह 10:15 बजे शुरू होती है और सुबह 11:15 बजे पहुंचती है।

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पुरानी ट्रेन से करें नया सफर

स्टीम एक्सप्रेस WP7200 AZAD को एक ब्रॉड गेज 1947 स्टीम इंजन से संचालित किया जाता है। यह लोकोमोटिव काफी पुराना है और खूबसूरत भी। इसी कारण इसे नए सिरे से संचालित करने के लिए कड़ी मशक्कत की गई है। साथ ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग में सुधार कर नई पीढ़ी को अट्रैक्ट करने की कोशिश की गई है। हेरिटेज स्टीम शेड, रेवाड़ी और डेमू-शेड, शकूरबस्ती में इन्हें दोबारा से प्रयोग में लाया जा रहा है।

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