मोदी के दावे को आरबीआई ने किया फेल, अब अगले साल आएँगे अच्छे दिन
नई दिल्ली| केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि कैश क्रेडिट लिमिट को तब तक नहीं हटाया जाएगा, जब तक 80 प्रतिशत नए नोट छपकर बैंकों तक पहुंच जाएंगे| इससे यह बात लगभग साफ़ हो गयी है कि नकदी की समस्या को 50 दिन में किसी भी कीमत पर ख़त्म नहीं किया जा सकता|
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, करेंसी प्रिंटिंग में तेजी आने से डिमांड और सप्लाई का अंतर घट रहा है लेकिन यह काम जिस स्पीड से हो रहा है, उससे जनवरी के मध्य तक ही पैसे की कमी को दूर किया जा सकेगा| जाहिर है कि आरबीआई से जिस तेजी से काम करने की उम्मीद लगाई जा रही थी, वह पूरी नहीं हो रही है।
नकदी की समस्या नहीं होगी ख़त्म
अधिकारी ने कहा कि सबसे पहले को-ऑपरेटिव बैंकों को इस पाबंदी से मुक्त किया जाएगा फिर धीरे-धीरे पाबंदी पूरी तरह हटा ली जाएगी| नए नोट बैंकों में आ रहे हैं|
#Withdrawal restrictions will first be relaxed for co-op banks; to be removed totally when #remonetisation is complete.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2016
ऐसी उम्मीद है कि फरवरी तक ही कैश की तंगी पूरी तरह खत्म हो पाएगी| कैलकुलेशन और बैंकरों की राय के अनुसार, छापाखानों की मौजूदा क्षमता के आधार पर फरवरी के दूसरे हफ्ते तक पब्लिक के हाथों में 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम पहुंच जाएगी|