धरती के कुछ हिस्सों में मंडरा रहा है संकट , जाने इसके बारे में…

क्या आप जानते हैं की घरती अब खतरे में हैं। वहीं देखा जाए तो बढ़ते प्रदुषण के कारण ये समस्या बढ़ती ही जा रही हैं। वहीं आज के समय में लोगो को घुट कर जीना पड़ रहा हैं।

 

 

 

 

 

बतादें की धरती पर इस समय एक भयंकर खतरा मंडरा रहा है। यूं कहें तो प्राकृतिक आपातकाल जारी हो गया है। अब आप सोच रहे होंगे की ऐसी क्या बात हो गई जिस वजह से धरती पर आपातकाल की स्थिति बन गई है। बता दें कि आर्कटिक महासागर में मौजूद सबसे पूराना और स्थिर आइसबर्ग बहुत ही तेजी से पिघल रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण पिघलते आइसबर्ग एक बड़े खतरे का संकेत दे रहे हैं।

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जहां आर्कटिक महासागर में मौजूद जिस आइसबर्ग के पिघलने की बात कर रहे हैं उसे ‘द लास्ट आइस एरिया’ के नाम से जाना जाता है। द लास्ट आइस एरिया दुनिया का सबसे पूराना और स्थिर बर्फ वाला इलाका है। 130 देशों के 11,000 वैज्ञानिकों के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि द लास्ट आइस एरिया बहुत ही तेजी से पिघल रहा है।

 

2016 में इस आइसबर्ग का क्षेत्रफल करीब 4,143,980 वर्ग किमी में था, जो घटकर अब मात्र 9.99 लाख वर्ग किलोमीटर में सिमट गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जिस तेजी से यह आइसबर्ग पिघल रही है उस हिसाब से 2030 तक यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

दरअसल ‘द लास्ट आइस एरिया’ पिघलने के साथ-साथ पतली भी होती जा रही है। 1970 के बाद से अब तक इस आइसबर्ग के मोटाई में 5 फीट की कमी आ गई है। हर 10 साल में यह आइसबर्ग 1.30 फीट पतली होती जा रहा है। इस आइसबर्ग के पिघलने की वजह से समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका है।

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