कलयुग में भी मिलता है अमर होने का वरदान लेकिन करने पड़ेंगे ये विचित्र काम

कलयुग में अमर हैं पांच देव। शिव की आराधना से होती दैहिक,दैविक और भौतिक ताप का निवारण। शिव प्राणप्रतिष्ठा यज्ञ किसुनपुर में बोले स्वामी गोपालाचार्य -जपते रहो भोलेनाथ का नाम।

वैदिक मंत्रों से प्रज्वलित अग्नि में हवन का कार्य कराते हुए यज्ञाचार्य शशिभूषण पांडेय ने सूर्य, गंगाअग्नि, ब्राह्मण,और संत की आराधना और पूजन कराते हुए कहा बिना कोई भी यज्ञ इनके पूजन के बिना अधूरा रहता है।

भगवान शिव का जलाधिवास, पुष्पाधिवास, ताधिवास, तिलाधिवास तथा अन्नाधिवास कराया गया।प्रवचन करते हुए श्री श्री 1008 जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी गोपालाचार्य ने कहा कि कलयुग के अमर पांच देवों में सूर्य,गणेश,गौरी शंकर और हनुमान का पूजन करना चाहिये।यज्ञ में सभी देवी-देवताओं का अवदान होता है।

जैसे सोरसमात्रिक,सप्तगुतमात्रिक, चौसठयोगिनी,उन्नचाशमरुत, द्रवदस,आदित्य, इंद्र,कुबेर इत्यादि पंच दिगपाल,नवग्रह सहित शिव की आराधना होती।यही कारण है कि समस्त देवी-देवताओं के आशीर्वाद से मानव को सुख संपत्ति,धन,आरोग्यऔर ऐष्वर्य प्राप्त होता है और उसे देहिक ,दैविक और भौतिक ताप से निवारण मिलता है।

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आनंद स्वामी, रामायणी,एवं,रघुवंश शास्त्री ने संगीतमय राम और शिव कथा से सबको भाव-विभोर किया।हर-हर महादेव के जयघोष के साथ हजारों की संख्या नर-नारियों ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की।

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