तपती गर्मी में देहरादून से मसूरी तक जाम ही जाम, एक रात होटल में रुकने के लिए चुका रहे दोगने रुपए

मसूरी में होटल और लॉज पूरी तरह पैक हैं। लेकिन, दलाल मनमाने पैसे वसूल कर पर्यटकों को कमरा दिलाने का दम भर रहे हैं। ऐसे में पर्यटक निर्धारित पैकेज से कई गुना दाम दलालों के चक्कर में गंवा रहे हैं। रात में स्थिति और ज्यादा दूभर हो रही है। खाने-पीने के दाम रात को एकाएक बढ़ा दिए जा रहे हैं। चर्चा है कि मसूरी और इसके आसपास रात में एक लीटर पानी के दाम ढाई गुना तक पर्यटकों से वसूले जा रहे हैं। मसूरी में पर्यटकों को जाम से निजात दिलाने के लिए सोमवार को अतिरिक्त फोर्स भेजी गई। डीआईजी यातायात केवल खुराना ने बताया कि मसूरी में क्षमता से अधिक वाहन पहुंचने के कारण भारी दिक्कत हो रही है। इसी को देखते हुए सुबह 30 कांस्टेबल, सात दरोगा और 10 होमगार्ड के जवान अतिरिक्त भेजे गए।

देहरादून

हालत यह है कि मसूरी में लगभग 90 फीसदी से ज्यादा होटल और लॉज पूरी तरह बुक हैं। पर्यटकों को एक रात रुकने के लिए भी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। इस मजबूरी का फायदा क्षेत्र में सक्रिय दलाल उठा रहे हैं। मसूरी घूमकर दून लौटे दिल्ली निवासी एक पर्यटक ने बताया कि वे शनिवार शाम जाम में फंसने की वजह से देर रात मसूरी पहुंचे थे। वहां जब कोई कमरा नहीं मिला तो एक व्यक्ति उनके संपर्क में आया। उसने उन्हें बताया कि वह उन्हें कैम्पटी मार्ग पर एक होटल में कमरा दिला सकते हैं। वहां पहुंचे तो देखा कि होटल में टैरिफ 3500 रुपये प्रति कमरा लिखा हुआ था। लेकिन, उस व्यक्ति ने होटल को साढ़े छह हजार रुपये उनसे दिलाए। पर्यटक ने बताया कि वहां बहुत से ऐसे पर्यटक थे जो कई गुना दाम देकर होटल में ठहरे हुए थे।

कई पर्यटक तो महंगे दाम की वजह से खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। दिनभर सड़कों पर कई घंटे पर्यटक जाम में फंसे रहते हैं। दिन के उजाले में तो आवश्यक वस्तुएं जैसे-तैसे उन्हें सही दामों पर मिल जा रही हैं। लेकिन, रात में अंधेरा होते ही इनके दाम अचानक बढ़ जा रहे हैं। एक पर्यटक ने बताया कि उन्होंने शनिवार रात दो पानी की बोतलों के 100 रुपये चुकाए थे। जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन का कहना है कि दलाल सक्रिय होने या ऑवररेटिंग की बात बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि इस प्रकार की कोई शिकायत आती है तो जांच कराई जाएगी। उसके बाद आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे।

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इसके चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 22 बसें रोजाना 90 फेरे (आना-जाना) लगा रही हैं। जबकि, इस वर्ष बीते वर्षों की तुलना में अधिक संख्या में पर्यटक मसूरी जा रहे हैं। पिछले महीने बस अड्डे के कर्मचारियों ने 10 अतिरिक्त बसें उपलब्ध कराने की मांग की थी, लेकिन चारधाम यात्रा के चलते उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई। सहूलियत न मिलने से पर्यटकों में भी काफी गुस्सा है। कर्मचारियों के मुताबिक हर वर्ष जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिनुवल मिशन के तहत पांच से छह बसें मिलती थीं, लेकिन कंडम होने के कारण इस बार ये बसें नहीं मिली हैं। बसों की कमी का टैक्सी चालक पूरा फायदा उठा रहे हैं। आम दिनों में जहां वह मसूरी के लिए प्रति यात्री करीब 400 रुपये किराया लेते थे, वहीं अब वह करीब 1400 रुपये किराया वसूल रहे हैं। मजबूरी में पर्यटक भी उन्हें भुगतान कर रहे हैं।

पर्यटकों को सोमवार को भी दून से मसूरी तक जाम की मार झेलनी पड़ी। हालत यह थे कि अधिकांश चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी गायब रहे। दोपहर में छोड़कर दिनभर शहर की सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। गर्मी और जाम ने इन दिनों पर्यटकों का मजा किरकिरा किया हुआ है। यात्रा सीजन शुरू होने के बाद से ही दून से मसूरी तक यात्रियों का स्वागत जाम से हो रहा है। यह बात सही है कि इस बार पहले के मुकाबले यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन पूरी तैयारियों का दावा करने वाली पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रति ही गंभीर नहीं है।

सोमवार को अधिकतर चौराहों और जाम की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर यातायात पुलिस की मुस्तैदी नजर नहीं आई। जहां पुलिसकर्मी तैनात भी थे, वह गर्मी के कारण ड्यूटी के प्रति सजग नजर नहीं आए। सुबह दस बजे के बाद यातायात का दबाव बढ़ा तो कई मार्गों पर वाहनों की कतारें लग गई। भंडारी बाग से प्रिंस चौक, राजपुर रोड, जाखन, तहसील चौक और हरिद्वार बाईपास पर लंबा जाम लग गया। इसके अलावा मसूरी रोड पर भी एक वाहन के टकराने के कारण जाम लग गया। दोपहर के समय थोड़ा यातायात सामान्य रहा, लेकिन तीसरे पहर के बाद यातायात का दबाव फिर बढ़ गया। जिसकी वजह से वाहन रेंगते नजर आए।

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