देश में पहली बार ऐसे होगी ऑनलाइन परीक्षा,नकल पर होगी संख्ती…

भारत देश में  पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय की ऑनलाइन परीक्षा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर आधारित प्रॉक्टोरिंग  से किया जाएगा।दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(डीटीयू) बीटेक फाइनल ईयर के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा में इस प्रणाली का प्रयोग करने जा रहा है।इसमें नकल की गुजाइंश  नहीं रहती है, क्योंकि सॉफ्टवेयर से चल रही ऑनलाइन परीक्षा के दौरान कंप्यूटर की तीसरी आंख छात्र की हर हरकत पर नजर रखती है।

दो बार छात्र को चेतावनी मिलती है और तीसरी बार सीधे परीक्षा से बाहर कर दिया जाता है।डीटीयू में बीटेक फाइनल ईयर की दो घंटे की ऑनलाइन परीक्षा तीन मोड सब्जेक्टिव, मल्टीप्ल च्वाइस और केस स्टडी विद प्रेजेंटेशन पर आधारित होगी।  इसके लिए बाकायदा प्रॉक्टोरिंग सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियों से टेंडर मंगवाये जा रहे हैं। जबकि फैकल्टी ने प्रश्नपत्र बनाने शुरू कर दिए हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय में इस ऑनलाइन परीक्षा का डेमो भी चल रहा है। विश्वविद्यालय प्रबंधन 15 मई से परीक्षा शुरू कर सकता है। इसमें बीटेक के 14 कोर्स के 1760 छात्र भाग लेंगे। अभी तक एमबीए में दाखिले के लिए आयोजित जीमैट और जीआरई परीक्षा में इस प्रणाली का प्रयोग हुआ है।

ऐसी होती है प्रोक्टोरिंग परीक्षा
प्रोक्टोरिंग एक सॉफ्टवेयर होता है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित काम करता है। इस प्रणाली की परीक्षा के दौरान छात्र का कंप्यूटर इस सॉफ्टवेयर से जुड़ जाता है। कंप्यूटर या लैपटाप पर लगा कैमरा निगरानी करता है।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के कारण छात्र की आंखों और हाथों के मूवमेंट की पूरी निगरानी हो रही होती है। मसलन मोबाइल या किताब के प्रयोग के लिए की-बोर्ड से ऊंगली की दूरी कितनी है, कमरे में कोई और तो नहीं है।

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यह सब कैमरे की तीसरी आंख के माध्यम से सॉफ्टवेयर मॉनिटर करता है। इसी के माध्यम से जैसे ही छात्र घूमता, मुड़ता या आगे-पीछे होता है तो चेतावनी जारी होती है। दो के बाद तीसरी चेतावनी में छात्र को परीक्षा से बाहर कर दिया जाता है।

गूगल क्लासरूम और गूगल मीट से तैयारी
डीटीयू के अकेडमिक कैलेंडर के तहत आखिरी सेमेस्टर आठ मई को समाप्त हो रहा है।  लॉकडाउन शुरू होने के बाद ही विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों को गूगल क्लासरूम और गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़ते हुए पूरी तैयारी करवा ली है।

फुलप्रूफ होगी परीक्षाा, नकल की कोई गुजाइंश नहीं
डीटीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि एआई पर आधारित प्रोक्टोरिंग प्रणाली से ऑनलाइन परीक्षा बिल्कुल सुरक्षित माध्यम है। छात्र बेशक घर बैठे परीक्षा दे रहे होंगे, लेकिन सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी तरह उनकी निगरानी होगी।

इसमें छात्र के पास इतना समय नहीं होता है कि वह किताब खोलकर या किसी और से पूछ सके। दूसरे कैमरे की निगरानी रहती है। अभी तक किसी विश्वविद्यालय ने इस प्रणाली से परीक्षा आयोजित नहीं की है।

 

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